पटना:आज पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठकहो रही है. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव शामिल होंगे. मुख्य सचिवालय के संवाद में यह बैठक होगी. राज्य बॉर्डर और आंतरिक सुरक्षा से लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. राज्यों के बीच बेहतर कोआर्डिनेशन कैसे हो, उस पर भी रणनीति तैयार की जाएगी.
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क्या है पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक का एजेंडा?:दरअसल स्थायी समिति की बैठक का आयोजन भविष्य में आयोजित होने वाली पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की तैयारी के तौर पर होती है. जहां नए बिंदुओं को समाहित करने के अलावे पहले की बैठक में हुए निर्णय का भी आकलन किया जाता है. अंतर्राज्यीय परिषद सचिवालय, सदस्यों राज्यों के अलावे केंद्र सरकार के मंत्रालयों और राज्य सरकार के विभागों के बीच समन्वय से बैठक को सफल बनाने की कोशिश होगी.
अमित शाह के शामिल होने को लेकर संशय:इससे पहले पिछले साल दिसंबर में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई थी. उस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की थी. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव उसमें शामिल हुए थे. हालांकि पटना में शनिवार को होने वाली बैठक में मुख्य सचिव रहेंगे. अमित शाह इसमें जुड़ेंगे या नहीं, अभी यह स्पष्ट नहीं है लेकिन इस बैठक को लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा के 25 अधिकारियों को गृह विभाग में प्रतिनियुक्त किया गया है.
राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति पर चर्चा:कोलकाता में हुई बैठक में वैसे तो पूर्वी राज्यों से संबंधित कई मुद्दों पर बातचीत हुई थी लेकिन राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति पर विशेष चर्चा हुई थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2017 में ही गंगा और उसकी सहायक नदियों में गाद की समस्या को हल करने के लिए भारत सरकार से गाद प्रबंधन नीति तैयार करने का आग्रह किया था. इसके अलावे किशनगंज में लिंक नहर से सिंचाई का मुद्दा भी उठा था.