उत्तरकाशी:एक बार फिर देवभूमि भूकंप के झटकों से डोल उठी है. उत्तरकाशी जिले की युमनाघाटी से लेकर बड़कोट और पुरोला से यमुनोत्री तक भूकंप से झटके महसूस किए गए. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई है. वहीं, अभी तक भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. उत्तरकाशी जिल में शनिवार को शाम 4.52 बजे यह भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए. भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था.
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है उत्तराखंड:उत्तराखंड भूकंप के अति संवेदनशील जोन चार और पांच में आता है. ऐसे में हिमालयी प्रदेशों में से एक उत्तराखंड में भूकंप के लिहाज से खास सावधानी बरतनी होती है. राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं. जबकि ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं.
इसलिए आते हैं इस क्षेत्र में भूकंप:वैसे भी हिमालयी क्षेत्र में इंडो-यूरेशियन प्लेट के टकराव के चलते जमीन के भीतर से ऊर्जा बाहर निकलती रहती है. जिस कारण भूकंप आना स्वाभाविक है. वाडिया के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह भूकंप राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच में आया है और इससे स्पष्ट भी होता है कि भूगर्भ में तनाव की स्थिति लगातार बनी है. पिछले रिकॉर्ड भी देखें तो अति संवेदनशील जिलों में ही सबसे अधिक भूकंप रिकॉर्ड किए गए हैं.
200 साल से नहीं आया कोई बड़ा भूकंप :भूगर्भ वैज्ञानिकों की मानें तो उत्तराखंड में बड़े भूकंप की आशंका बनी हुई है. क्योंकि यहां पर पिछले 200 साल से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. इस कारण इस क्षेत्र में जमीन के नीचे काफी ऊर्जा जमा हो रही है, जो कभी भी लावा बनकर फूटेगी. मतलब वो भूकंप उत्तराखंड के लिए विनाशकारी साबित होगा. बता दें कि वैसे भी उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से जोन पांच में आता है.