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S Jaishankar visit: आज से चार देशों की 9 दिवसीय यात्र पर रहेंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर आज से द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए चार देशों की यात्रा जा रहे हैं. विदेश मंत्रालय के मुताबिक जयशंकर आज से गुयाना, पनामा, कोलंबिया और डोमिनिकन गणराज्य की 9 दिवसीय यात्रा शुरू करेंगे. विदेश मंत्री के रूप में जयशंकर की लैटिन अमेरिका और कैरेबियन की यह पहली यात्रा होगी.

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विदेश मंत्री एस जयशंकर

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Published : Apr 21, 2023, 10:03 AM IST

नई दिल्ली:विदेश मंत्री एसजयशंकर ने सूडान के लगातार बिगड़ते हालात पर गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से चर्चा की. जयशंकर ने कहा कि वास्तव में हमारा पूरा ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि कूटनीतिक प्रक्रियाओं के माध्यम से जमीनी स्तर पर एक व्यावहारिक युद्ध-विराम कैसे लागू कराया जाए. विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से भारत की जी20 अध्यक्षता और यूक्रेन युद्ध सहित कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की.

एस जयशंकर आज गुयाना, पनामा, कोलंबिया और डॉमिनिक गणराज्य की नौ दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे. विदेश मंत्री के रूप में इन लातिन अमेरिकी देशों और कैरिबियाई क्षेत्र की जयशंकर की पहली यात्रा होगी. विदेश मंत्रालय (MEA) ने विदेश मंत्री की विदेश यात्रा के बारे में बताया कि वे 21 से 23 अप्रैल तक कैरेबियाई देश गुयाना जाएंगे, जहां वे अपने समकक्ष ह्यूग हिल्टन टॉड के साथ बैठक करेंगे.

एस जयशंकर 24-25 अप्रैल तक पनामा, 25-27 अप्रैल तक कोलंबिया और 27 से 29 अप्रैल तक डोमिनिकन गणराज्य के आधिकारिक दौरे पर जाएंगे. लैटिन अमेरिका की अपनी यात्रा शुरू करने से पहले जयशंकर न्यूयॉर्क पहुंचे और गुरुवार दोपहर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गुतारेस से मुलाकात की.

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ हुई मुलाकात को 'बेहद शानदार' बताते हुए जयशंकर ने कहा कि सूडान में लड़ाई शुरू होने के बाद 'मुझे महसूस हुआ कि मेरा संयुक्त राष्ट्र महासचिव से मिलना बहुत जरूरी है.' उन्होंने कहा, 'हमारी मुलाकात मुख्यत: सूडान के हालात पर केंद्रित थी। हालांकि, हमने जी20 और यूक्रेन युद्ध पर भी कुछ देर चर्चा की.' विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सूडान युद्ध-विराम लागू कराने के प्रयासों के केंद्र में है.'

उन्होंने कहा, वास्तव में यह बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस समय, जब तक युद्ध-विराम नहीं लागू होता है और जब तक निकासी गलियारे नहीं स्थापित किए जाते हैं, तब तक लोगों को बाहर निकालना वाकई सुरक्षित नहीं है.'

(पीटीआई- भाषा)

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