न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र महासभा को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की बातों को प्रमुखता से उठाया. उन्होंने कहा कि अगर दुनिया को आगे बढ़ना है, तो संस्थानों में भी समसामयिक सुधार करने होंगे.
विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की बात को रखते हुए कहा कि अगर दुनिया भर में व्याप्त तनाव को कम करना है और उसे कूटनीति से सुलझाना है, तो यूएन में रिफॉर्म जरूरी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी जिम्मेदारी को बखूबी समझता है और वह अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि आज भूख और गरीबी, दोनों ही दुनिया के सामने बड़ी चुनौती के रूप में उपस्थित हैं. अगर इससे निपटना है तो सबको जिम्मेवारी समझनी होगी.
जयशंकर ने कहा कि भारत ने हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन को सफलतापूर्वक संपन्न किया और वहां पर हमने सारे मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि हम हर चीज की पहल कर रहे हैं, ताकि दुनिया भर के लोगों को इसका फायदा पहुंचे. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की पहल का ही नतीजा है कि अफ्रीकन संघ को जी-20 में जगह दी गई. यह भारत के नेतृत्व और उसके कौशल को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि हमने अफ्रीकी देशों को एक आवाज दी, एक पहचान दी, जिसकी वो लंबे समय से मांग कर रहे थे. इसलिए समय आ गया है कि हमें भी सुरक्षा परिषद को और अधिक समयानुकूल बनाएं.
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एस. जयशंकर ने कहा, "हमारा नवीनतम दावा विधायिकाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए अग्रणी कानून है. मैं एक ऐसे समाज के लिए बोलता हूं जहां लोकतंत्र की प्राचीन परंपराओं ने गहरी आधुनिक जड़ें हैं। परिणामस्वरूप, हमारी सोच, दृष्टिकोण और कार्य अधिक जमीनी और प्रामाणिक हैं."
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, "हमने 75 देशों के साथ विकासात्मक साझेदारी बनाई है. आपदा और आपातकालीन स्थिति में भी हम पहले उत्तरदाता बने हैं। तुर्की और सीरिया के लोगों ने यह देखा है."
जयशंकर ने कहा, "भारत विविध साझेदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है। गुटनिरपेक्षता के युग से, अब हम 'विश्व मित्र - दुनिया के लिए एक मित्र' के युग में विकसित हो गए हैं. यह विभिन्न देशों के साथ जुड़ने और जहां आवश्यक हो, हितों में सामंजस्य स्थापित करने की हमारी क्षमता और इच्छा में परिलक्षित होता है. यह QUAD के तीव्र विकास में दिखाई देता है, यह BRICS समूह के विस्तार या I2U2 के उद्भव में भी समान रूप से स्पष्ट है."
विदेश मंत्री में एस. जयशंकर ने कहा, "भारत की पहल की वजह से G-20 में अफ्रीकन यूनियन को स्थाई सदस्यता मिली है. ऐसा करके हमने पूरे महाद्वीप को एक आवाज दी, जिसका काफी समय से हक रहा है. इस महत्वपूर्ण कदम से संयुक्त राष्ट्र, जो उससे भी पुराना संगठन है, सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने के लिए प्रेरित होना चाहिए."
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