नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को दोहराया कि भारत और ईरान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का आनंद लेते हैं. वर्चुअल मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ये बात कही.
बागची ने कहा, 'हम चाबहार बंदरगाह (Chabahar port) जैसी कनेक्टिविटी सहित विभिन्न नई पहलों के साथ आगे बढ़ रहे हैं. विदेश मंत्री जयशंकर वर्तमान में ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Raisi) के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तेहरान में हैं.
वहीं, अफगानिस्तान मुद्दे पर हम अफगानिस्तान में विकसित हो रही सुरक्षा स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं...
गौरतलब है कि विदेश मंत्री जयशंकर (EAM Jaishankar) दो दिवसीय यात्रा पर आज ईरान पहुंचे हैं और तेहरान में नवनिर्वाचित ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. एक महीने के भीतर जयशंकर की तेहरान की यह दूसरी यात्रा है. यात्रा ऐसे समय है जब अफगानिस्तान में तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों के बीच हिंसा बढ़ गई है.
रईसी को भारत आने का न्यौता दे सकते हैं जयशंकर
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि 'ईरान सरकार के निमंत्रण पर विदेश मंत्री 5-6 अगस्त को ईरान का दौरा करेंगे. 5 अगस्त को विदेश मंत्री वहां के राष्ट्रपति रईसी से मुलाकात करेंगे. विदेश मंत्री अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे.'
अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ईरानी नेता को भारत की शीघ्र यात्रा करने के लिए आमंत्रण दे सकते हैं. वह 73 देशों के 115 गणमान्य व्यक्तियों और अधिकारियों में से एक हैं जो नए ईरानी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे.
रईसी एक कट्टरपंथी होने के साथ ही और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी माने जाते हैं. वह जून में भारी बहुमत से राष्ट्रपति चुनाव जीते थे. बढ़ती चुनौतियों के बीच राईसी का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है. देश अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहा है.
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ईरान इस क्षेत्र में भारत और अफगानिस्तान तक पहुंच के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार है. अमेरिकी सेना की वापसी के बीच अपगानिस्तान हिंसा से जूझ रहा है. ऐसे में भारत और ईरान दोनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. दोनों पक्ष दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य एशिया के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पिछले महीने डॉ. एस जयशंकर तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए रूस जाते समय तेहरान में रुके थे. अपने पड़ाव के दौरान, उन्होंने तेहरान की सरकार से मुलाकात की थी, जिसमें रईसी भी शामिल थे.