EAM Jaishankar In UNGA Today: 78वें UNGA में जयशंकर आज का संबोधन आज, ट्रूडो के आरोपों पर देंगे जवाब! - Jaishankar in 78th UNGA
आज विदेश मंत्री एस जयशंकर 78वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के एक महत्वपूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे. भारत और कनाडा के बीच जारी गतिरोध को देखते हुए उनके आज के संबोधन पर पूरी दुनिया की नजर रहेगी. पढ़ें पूरी खबर...
विदेश मंत्री जयशंकर ने आर्मेनिया के विदेश मंत्री रारत मिर्जोयान से मुलाकात की. (तस्वीर सभार : एक्स/ @DrSJaishankar)
नई दिल्ली : विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर आज 78वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के एक उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करेंगे. सभी की निगाहें उनके भाषण पर रहेंगी. उम्मीद जतायी जा रही है कि वह अपने भाषण में कनाडाई पीएम की ओर से लगाये गये आरोपों का जवाब देंगे. बता दें कि कनाडाई पीएम ने 18 सितंबर को जून में खालिस्तानी चरमपंथी निज्जर सिंह की हत्या में भारत की भूमिका के संबंध में आरोप लगाये हैं.
विदेश मंत्री 78वें यूएनजीए में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए न्यूयॉर्क में हैं. विदेश मंत्री जयशंकर ने सोमवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस से मुलाकात की. उन्होंने 78वें यूएनजीए से इतर अर्मेनियाई समकक्ष अरारत मिर्जोयान के साथ भी बैठक की. दोनों नेताओं ने 'मजबूत द्विपक्षीय संबंध' की वकालत की.
इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया कि 78वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मौके पर आर्मेनिया के विदेश मंत्री रारत मिर्जोयान से मुलाकात हुई. हमने काकेशस में वर्तमान स्थिति के बारे में अपने मूल्यांकन की सराहना कि हमारे मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की.
जयशंकर ने बोस्निया और हर्जेगोविना के विदेश मंत्री एल्मेडिन कोनाकोविक से भी मुलाकात की. दोनों नेताओं ने व्यापार और अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करते हुए बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. इस बीच, विदेश मंत्री ने शनिवार शाम को एक कार्यक्रम 'साउथ राइजिंग: पार्टनरशिप्स, इंस्टीट्यूशंस एंड आइडियाज' के दौरान बोलते हुए कहा कि आर्थिक रूप से प्रभावशाली देश उत्पादन क्षमताओं का लाभ उठा रहे हैं और जिन देशों के पास संस्थागत प्रभाव है, उन्होंने इन क्षमताओं को हथियार बना लिया है.
इसके अलावा, कोविड-19 महामारी का उदाहरण देते हुए, मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह अभी भी दोहरे मानकों की दुनिया है. ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन, संयुक्त राष्ट्र, भारत और रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि दुनिया में दोस्ती की भावना बढ़ रही है. ग्लोबल साउथ एक तरह से इसका प्रतीक है. लेकिन हमें राजनीतिक प्रतिरोधों का भी सामना करना पड़ रहा है. प्रभावशाली पदों पर बैठे लोग बदलाव के दबाव का विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वे सही बातें बोलेंगे वास्तविकता आज भी यही है, अभी भी हम बहुत ही दोहरे मानकों वाली दुनिया में रह रहे हैं. ग्लोबल साउथ और भारत की जी20 प्रेसीडेंसी के बारे में बोलते हुए, जयशंकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत 'ग्लोबल साउथ की आवाज' था और कैसे इसने जी20 को उस बारे में बात करने के लिए प्रेरित करके वैश्विक बातचीत को वैश्विक विकास और विकास के मुद्दों पर वापस लाया. जिसकी दुनिया को जरूरत है. और जिसके लिए वास्तविक रूप से जी20 की स्थापना की गई है. न्यूयॉर्क की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद, जयशंकर वाशिंगटन, डीसी की यात्रा करेंगे.