नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर (external affairs minister s jaishankar) ने शुक्रवार को कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने नीतिगत सुधारों की शुरूआत की, जिसने शीत युद्ध की समाप्ति और नये वैश्विक संतुलन को प्रदर्शित किया. साथ ही, जयशंकर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने चीन के साथ बिना असहमति के, मिल कर काम करने की एक व्यवस्था बनानी चाही जो काफी हद तक परस्पर सम्मान और आपसी हित पर आधारित थी.
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि बदलाव की बयार हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सर्वाधिक संभव है और वहां कूटनीतिक सृजनात्मकता बहुत मजबूती से लागू की जा सकती है, जिसकी प्रेरणा वाजपेयी ने दी थी.
उन्होंने कहा, हम परिवर्तन की एक जटिल स्थिति पर गौर कर रहे हैं जो साथ-साथ चल रही है. हिंद-प्रशांत बहुध्रुवीय व्यवस्था और पुनर्संतुलन के दौर से गुजर रहा है.
उन्होंने दूसरे अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल लेक्चर के उदघाटन भाषण में यह कहा. जयशंकर ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र शक्ति की प्रतिस्पर्धा और क्षेत्रीय मतभेद के दौर से गुजर रहा है.