नई दिल्ली :क्वाड (भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ऑस्ट्रेलिया रवाना हो गए हैं. बैठक में क्वाड वैक्सीन साझेदारी, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों और इंडो-पैसिफिक में चीन का मुकाबला करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है.
'ईटीवी भारत' से बात करते हुए पूर्व राजनयिक अशोक सज्जनहार ने कहा, 'यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण कारण क्वाड मंत्रिस्तरीय है जो कल मेलबर्न में होगा. उन्होंने कहा, जहां तक क्वाड का संबंध है, सभी देश बहुत प्रयास और ऊर्जा का निवेश कर रहे हैं. 'क्वाड' को बहुत महत्व दिया गया है चाहे वह ऑस्ट्रेलिया हो, भारत हो या जापान इसलिए, सभी देशों के लिए क्वाड का महत्व बना हुआ है. यही वजह है कि महामारी के समय में भी तीनों अन्य विदेश मंत्री बैठक के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंच रहे हैं.
उन्होंने रेखांकित किया कि विदेश मंत्रियों की हर साल कम से कम एक बार बैठक होगी, जिसका अर्थ है कि शिखर सम्मेलन में निर्णय बहुत गंभीरता से लिए जा रहे हैं. अगला शिखर सम्मेलन इस साल के अंत में जापान में होने की संभावना है. यह क्वाड मीट इसके लिए रास्ता तैयार करेगा लेकिन इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण चर्चा कोविड-19 के टीकों पर साझेदारी होगी.
चीन के रुख को लेकर ये बोले-सज्जनहार
यह पूछे जाने पर कि क्या क्वाड बैठक में यूक्रेन संकट पर चर्चा होने की उम्मीद है, सज्जनहार ने कहा कि हालांकि सचिव ब्लिंकन ने कहा है कि वह मंत्रियों को जानकारी देने जा रहे हैं, मुझे नहीं लगता, इस पर कोई ठोस संदर्भ या चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि जहां तक ताइवान में चीन के प्रभाव का सवाल है, क्वाड में गहन चर्चा होगी. इस बीच, चीन ने बुधवार को कहा कि क्वाड को क्षेत्रीय देशों के बीच मतभेदों को दूर करना चाहिए. चीन ने कहा, चार देशों के गठबंधन को क्षेत्रीय देशों को चलाना बंद कर देना चाहिए.
चीन के इस रुख पर सज्जनहर ने कहा कि चीन 'क्वाड' की आलोचना करता रहा है. पिछले साल दो क्वाड शिखर सम्मेलनों के बाद यह पहली बार है जब क्वाड विदेश मंत्री बैठक कर रहे हैं.
विदेश मंत्रालय ने ये दी जानकारी
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा,शुक्रवार सुबह जयशंकर मेलबर्न विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे. 'क्वाड के सदस्य देशों के विदेश मंत्री जारी क्वाड सहयोग की समीक्षा करेंगे और 2021 में आयोजित दो शिखर सम्मेलनों में सदस्य देशों के नेताओं द्वारा घोषित सकारात्मक एवं रचनात्मक एजेंडे का निर्माण करेंगे ताकि समकालीन चुनौतियों जैसे कि कोविड-19 महामारी, आपूर्ति श्रृंखला, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन, बुनियादी ढांचे आदि का समाधान किया जा सके.'