वाशिंगटन/नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की. इस दौरान साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा की तथा कई क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर विचार साझा किये. अमेरिका के रक्षा विभाग ने इस बारे में बताया.
नेताओं ने रणनीतिक और रक्षा साझेदारी के सभी पहलुओं पर चर्चा की. विदेश मंत्री ने कोविड -19 संकट से निपटने में सराहनीय कार्य के लिए अमेरिकी सेना की सराहना की.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि जब अफगानिस्तान के भविष्य पर चर्चा की बात आती है तो भारत इस बातचीत का अहम हिस्सा है.
जयशंकर अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर है. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान के साथ बैठक के दौरान अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा हुई.
अफगानिस्तान का मुद्दा भी उठा
विदेश मंत्री ने कहा, 'रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री के साथ बैठक में अफगानिस्तान का मुद्दा भी उठा क्योंकि यह एक अहम मुद्दा है.'
उन्होंने कहा,'एक बार वहां से अमेरिकी सैनिक चले जाएं फिर जो संभावित परिदृश्य है उससे हमें यकीनन सरोकार है, उससे अफगानिस्तान को भी सरोकार है, अमेरिका के लिए भी वह मायने रखता है और क्षेत्रीय स्तर पर भी उसका व्यापक असर होगा.'
दरअसल अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अप्रैल माह में घोषणा की थी कि इस वर्ष 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से सारे सैनिक वापस बुला लिए जाएंगे और इसी के साथ देश का सबसे लंबे समय तक चला युद्ध समाप्त हो जाएगा.
यहां भारतीय संवाददाताओं के एक समूह से बातचीत में जयशंकर ने कहा कि प्रत्येक बैठक में अफगानिस्तान पर चर्चा हुई.
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यह कोई बड़ा मुद्दा था कि भारत की भूमिका क्या है? मेरा मतलब है कि भारत का हित है, भारत का प्रभाव है, भारत का वहां इतिहास है. हम क्षेत्र के एक देश हैं. हम अफगानिस्तान के साथ सीमा साझा करते हैं.'