नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उत्तरी अमेरिकी देश मैक्सिको की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं. उन्होंने सोमवार को मेक्सिको की स्वतंत्रता प्राप्ति की 200वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित 'ला ग्रैंडेजा डी मैक्सिको' (La Grandeza de Mexico) नामक प्रदर्शनी में भाग लिया.
जयशंकर ने मैक्सिको के राष्ट्रपति मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर से मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. बता दें, विदेश मंत्री की इस यात्रा का मकसद व्यापार, निवेश और अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना है.
जयशंकर ने प्रदर्शनी में लिया भाग साथ ही उन्होंने मेक्सिको की प्रथम महिला बीट्रिज़ जी मुलर (Beatriz G Muller), विदेश मंत्री मार्सेलो एब्राड सी (Marcelo Ebrad C) और मेक्सिको के रक्षा मंत्री लुइस सी सैंडोवल (Luis C Sandoval) के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की.
जयशंकर ने ट्वीट किया, 'दो महाद्वीप, दो सभ्यताएं, साझा चिंताएं. मैक्सिको शहर में 'रिटर्न्ड हेरिटेज' पर एक कार्यक्रम में भाग लिया. वहां राष्ट्रपति लोपेज़ ओब्रेडोर से मिलकर खुशी हुई.'
जयशंकर ने ट्विटर पर राष्ट्रपति के साथ अपने फोटो भी साझा किए.
कार्यक्रम में, जयशंकर ने प्रथम महिला बीट्रिज़ गुतिरेज़ मुल्लेर, विदेश मंत्री मार्सेलो एब्रार्ड और रक्षा मंत्री लुइस क्रेसेंसियो सैंडोवल के साथ अपने फोटो भी साझा किए हैं. विदेश मंत्री के रूप में जयशंकर की उत्तरी अमेरिकी देश की यह पहली यात्रा है.
मैक्सिको के नेताओं से मिले जयशंकर
मैक्सिको के वित्त एवं सार्वजनिक ऋण मंत्री रोगेलियो रामिरेज़ डी ला ओ ने उनका स्वागत किया, जिनके साथ उन्होंने कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के मैक्सिको के प्रयासों पर चर्चा की.
जयशंकर ने ट्वीट किया, मेरा स्वागत करने के लिए वित्त एवं सार्वजनिक ऋण मंत्री रोगेलियो रामिरेज़ डी ला ओ का धन्यवाद. कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के मैक्सिको के प्रयासों पर उनके साथ चर्चा की. मंत्री ने ट्वीट किया, 41 साल बाद कोई भारतीय विदेश मंत्री यहां आया है.
मैक्सिको के नेताओं से मिले जयशंकर
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संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के समापन के बाद जयशंकर मैक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो एब्रार्ड के आमंत्रण पर अमेरिका से सीधे यहां पहुंचे हैं.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, फिलहाल, मैक्सिको उत्तरी अमेरिका में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और 2021-22 के लिए भारत के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अस्थायी सदस्य है.