नई दिल्ली :ओमान के विदेश मंत्री सैय्यद बद्र बिन हमद बिन हमद अलबुसैदी (Sayyid Badr bin Hamad bin Hamood Albusaidi) बुधवार को दो दिन की भारत यात्रा पहुंचे. अगस्त 2020 में ओमान के विदेश मंत्री बनने के बाद सैय्यद बद्र बिन हमद बिन हमद अलबुसैदी की यह पहली भारत यात्रा है. विदेश मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के लिए ओमान के विदेश मंत्री से मुलाकात की. दोनों पक्षों ने भारत और ओमान के बीच घनिष्ठ सामरिक साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई.
दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों, राजनीतिक, सामरिक, रक्षा, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, निवेश, अंतरिक्ष, खनन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति, कांसुलर और मानवीय सहयोग पर चर्चा की. एकजुट पड़ोसियों के रूप में अरब सागर में समुद्री सुरक्षा में क्या भूमिका हो सकती है इस पर भी विचार किया. इस दौरान दोनों देशों के बीच घनिष्ठ रणनीतिक साझेदारी के योगदान में स्वर्गीय महामहिम सुल्तान काबूस बिन सईद के योगदान को याद किया. सुल्तान काबूस बिन सईद को भारत ने वर्ष 2019 के लिए गांधी शांति पुरस्कार से नवाजा था, इसका भी जिक्र हुआ.
दोनों मंत्रियों ने अंतरिक्ष, खनन, समुद्री और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सहयोग के प्रस्तावों को तेजी से लागू करने के निर्णय का स्वागत किया. दोनों पक्षों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुल्तान हैथम बिन तारिक के बीच टेलीफोन पर बातचीत सहित सभी स्तरों पर घनिष्ठ बातचीत की निरंतर गहनता पर संतोष व्यक्त किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन और ओमान को हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के सुल्तान हैथम बिन तारिक के दृष्टिकोण के बीच तालमेल को देखते हुए इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति हुई. अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर संतोष जताया.
कई बैठकों पर बनी आम सहमति
चर्चा को दौरान दोनों देशों के बीच आधिकारिक यात्राओं को सार्थक बताया गया. साथ ही वाणिज्य मंत्रियों के स्तर पर संयुक्त आयोग की बैठक, भारत-ओमान सामरिक सलाहकार समूह की बैठक (विदेश कार्यालय परामर्श), रणनीतिक वार्ता और जेडब्ल्यूजी के स्तर पर संयुक्त आयोग की बैठक आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की. मंत्रियों ने रक्षा सहयोग में हो रही प्रगति पर संतोष व्यक्त किया. भारत और ओमान के बीच सैन्य सहयोग और समुद्री मुद्दों पर लंबे समय से चले आ रहे समझौता ज्ञापनों के समय पर नवीनीकरण का स्वागत किया.