नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत ने इस वर्ष सितंबर में नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सभी सदस्य देशों, विशेष तौर पर आमंत्रित देशों एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों को निमंत्रण भेजा है और उनका शिखर बैठक में स्वागत करने को उत्सुक है. जी20 शिखर सम्मेलन के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ( External Affairs Ministry spokesperson Arindam Bagchi) ने कहा, 'अभी की स्थिति में, मैं यही कह सकता हूं कि जी20 समूह के सभी सदस्य देशों, विशेष आमंत्रित देशों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों को निमंत्रण भेजा जा चुका है. यह सम्मेलन सभी की उपस्थिति वाला होगा और उम्मीद करते हैं कि इसमें आमंत्रित सभी नेता एवं अन्य हिस्सा लेंगे.'
उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि इस संबंध में पुष्टि प्राप्त हुई है, लेकिन यह विशिष्ट जानकारी नहीं है कि कौन नेता आ रहे हैं.' बागची ने कहा, 'हम जी20 शिखर सम्मेलन में नेताओं का स्वागत करने के लिए अशान्वित हैं. यह सम्मेलन सितंबर में नई दिल्ली में होगा. जी20 शिखर सम्मेलन में जारी किए जाने वाले परिणाम दस्तावेज पर मतभेद के संबंध में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जी20 के तत्वावधान में कई बैठकें आयोजित की गई हैं, हाल ही में शेरपा बैठक, वित्त मंत्रियों की बैठकें हुई हैं.
उन्होंने कहा कि इन बैठकों में परिणाम दस्तावेत को लेकर भी चर्चा हुई है कि उसमें क्या-क्या तत्व शामिल किए जा सकते हैं. जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को निर्धारित है. जी20 की अध्यक्षता के तहत भारत ने देश के 55 विभिन्न स्थानों पर 170 बैठकें आयोजित की हैं. जुलाई और अगस्त के महीनों में मंत्री स्तर पर कई बैठकें प्रस्तावित हैं.
भारत सितंबर में नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में जारी किए जाने वाले परिणाम दस्तावेजों पर मतभेदों को सुलझाने की कोशिश कर रहा है. यूक्रेन संघर्ष जैसे विवादास्पद मुद्दों पर जी20 देशों के बीच आम सहमति बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में, भारत की अध्यक्षता में वित्त और विदेश मंत्रियों सहित जी20 की प्रमुख बैठकों की सर्वसम्मत दस्तावेज जारी नहीं हो सके थे. ऐसा इसलिए क्योंकि रूस और चीन ने उसके मूलपाठ में यूक्रेन संघर्ष से संबंधित उल्लेख पर आपत्ति जतायी थी.