नई दिल्ली : आदित्य जिवाने (25)को शुक्रवार को घोषित किए गए सिविल परीक्षा परिणाम में 399 वां स्थान मिला है. उन्हें विश्वास था कि वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में जगह बना लेंगे और खुशी भी है कि उन्होंने कई बाधाओं पर विजय पाई है.
यशवंतराव कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मेकेनिकल इंजीनियरिंग कर चुके जिवाने ने कहा कि सिविल सेवा को मेरे माता-पिता ने मेरे लिए एक सपने की तरह देखा था. जब मैं बड़ा हो गया तब उनके सपने मेरे हो गए. जिवाने के माता-पिता अध्यापक हैं, उनके पिता चंद्रपुर के वरोड़ा में एक स्थानीय कॉलेज में पढ़ाते हैं जबकि मां जिला परिषद विद्यालय में अध्यापिका हैं. उन्होंने कहा कि एक समय तो ऐसा लग रहा था कि वह सपना साकार नहीं हो पाएगा.
अप्रैल का महीना था और दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर थी. नागपुर में प्राथमिक परीक्षा देने के बाद मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए जनवरी में ही दिल्ली जाने का निर्णय ले चुके थे और अब यहां वह अकेले थे. सिविल सेवा की परीक्षा में पिछले दो प्रयासो में विफल रहे जिवाने अब इस परीक्षा के अंतिम पड़ाव साक्षात्कार की तैयार कर रहे थे कि उसी बीच वह कोविड संक्रमित हो गए.
यहां अस्पताल मरीजों से अटे पड़े थे और जिवाने भी अन्य मरीजों की भांति एक बेड के लिए संघर्ष कर रहे थे. उनके सीटी स्कोर 18 था जो इस बात का संकेत था कि उनकी स्थिति गंभीर है. वह पश्चिमोत्तर दिल्ली में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी का केंद्र समझे जाने वाले मुखर्जी नगर में अपने कमरे में अकेले थे.
उन्हें लगा कि मई में होने वाले साक्षात्कार में वह भाग नहीं ले पाएंगे. जिवाने ने बताया कि किसी तरह उन्होंने अपने लिए एक ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया लेकिन वह जल्दी खाली होने लगा और उन्हें पता चल गया था कि अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है लेकिन यह इतना आसान नहीं था.