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राजस्थान : लॉकडाउन के दौरान पेंटिंग आर्टिस्ट बना नौंवी कक्षा का छात्र

आईपीएस स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले अदविक शर्मा को लॉकडाउन ने एक कलाकार की शक्ल दे दी है. इन दिनों वह पेंटिग कर रहे हैं. उन्होंने अपनी पेंटिंग से सभी का दिल जीत लिया है.

पेंटिंग आर्टिस्ट बना नौंवी कक्षा का छात्र
पेंटिंग आर्टिस्ट बना नौंवी कक्षा का छात्र

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Published : Jun 3, 2021, 6:45 PM IST

जयपुर : कोरोना महामारी के मद्देनजर लगाया गया लॉकडाउन हर इंसान के लिए एक अलग अनुभव लेकर आया है, ज्यादातर लोग अपनी बुद्धि या कलम का इस्तेमाल अपने आसपास की घटनाओं और अनुभवों को दूसरों तक पहुंचाने के लिए कर रहे हैं.

लॉकडाउन ने इस बच्चे के जीवन को एक कलाकार के रूप में बदल दिया है. राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के शाहपुरा कस्बे के नौवीं कक्षा के छात्र अदविक शर्मा भी अपने चित्रों के माध्यम से अलग-अलग रंगों में अपनी टिप्पणियों और विचारों को दूसरों के साथ साझा कर रहे हैं.

आईपीएस स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले अदविक शर्मा को लॉकडाउन ने एक कलाकार की शक्ल दे दी है. उनकी पेंटिंग की क्षेत्र में एक अलग पहचान है. उनकी पेंटिग देखकर लोग हैरान रह जाते हैं.अदविक शर्मा अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के भी पेंटिंग बनाकर देते हैं.

पेंटिंग आर्टिस्ट बना नौंवी कक्षा का छात्र

उन्होंने इस फन पर इस तरह से मुहारत हासिल कर ली है कि उनकी पेंटिंग देखकर गूंगा भी बोलने पर मजबूर हो जाए. उन्होंने गांधीजी, क्रिकेटर विराट कोहली, फिल्म अभिनेता टाइगर श्रोफ और साईं बाबा की भी खूबसूरत पेंटिंग बनाई हैं. पिछले लॉकडाउन में अदविक शर्मा फोर लेयर ग्रेफाइट वर्क, स्केच , रियलिस्टिक आर्टवर्क, शेडिंग आर्टवर्क, पेंसिल आर्टवर्क से सबका दिल जीत लिया था.

अदिक शर्मा को शुरू में अपनी कला को आगे बढ़ाने के लिए अपने परिवार का पूरा समर्थन नहीं मिला, लेकिन पेंटिंग के प्रति उनके जुनून को देखकर उनके नाना- मामा और मौसी वर्षा पाराशर ने उनकी मदद की.

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परिवार के सदस्यों के अलावा, उनके दोस्त और शिक्षक उनके काम की प्रशंसा करते नहीं थकते. शर्मा की कला ने कला प्रेमियों को इतना प्रभावित किया है कि अब उन्हें हर तरफ से प्रोत्साहन मिल रहा है.

अदविक की मौसी वर्षा पाराशर का कहना है कि पेंटिंग के माध्यम से वह अपनी कला के संदेश को प्रभावी और आसान तरीके से दूसरों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर इस बच्चे की कला को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने और हौसला बढ़ाने की बहुत जरूरत है.

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