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Padma Award To Dungarpur Man: समाज सेवी मूलचंद लोढ़ा को मिलेगा पद्मश्री, जानें RSS के पूर्व प्रचारक को क्यों चुना गया ? - Social Worker Moolchand Lodha

डूंगरपुर के मूलचंद लोढ़ा उन 91 में से एक हैं जिन्हें पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया है. 25 जनवरी को पद्म अवॉर्ड्स की घोषणा हुई उसमें इस समाजसेवी का भी नाम था. आइए जानते हैं लोढ़ा समाज के उत्थान में अपना अहम योगदान कैसे दे रहे हैं!

Padma Award To Dungarpur Man, Dungarpur Moolchand Lodha
समाज सेवी मूलचंद लोढ़ा को मिलेगा पद्मश्री.

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Published : Jan 26, 2023, 4:51 PM IST

डूंगरपुर.केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरुस्कार की घोषणा कर दी है. इस वर्ष दिए जाने वाले पुरस्कर में डूंगरपूर जिले के समाज सेवी मूलचंद लोढ़ा को पद्मश्री पुरस्कर से नवाजा जाएगा. मूल चंद लोढ़ा वाग्दरी स्थित जन जागरण सेवा मंडल के संस्थापक सचिव हैं. अपनी संस्था के माध्यम से लोढ़ा वर्षों से आदिवासी उत्थान के लिए काम कर रहे हैं. शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में इनके लिए अभूतपूर्व काम कर रहे हैं.

मूलचंद लोढ़ा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व में प्रचारक रहे हैं. 14 साल तक संघ में काम किया. साथ ही आरएसएस के ही संगठन सेवा भारती राजस्थान के संगठन मंत्री भी रहे हैं. इन्होंने पूरे राजस्थान का दौरा किया फिर किसी एक स्थान पर रहकर काम करने का फैसला लिया. लोढ़ा ने वनवासी अंचल डूंगरपुर, बांसवाड़ा और उदयपुर में निवासरत जनजाति वर्ग सहित तमाम गरीब, जरूरतमंद लोगों के लिए शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में आजीवन समर्पित रहने का प्रण लिया. मूलचंद एक ऐसे व्यक्तित्व का नाम है जिन्होंने शुद्ध अंतःकरण से पिछड़े क्षेत्र में शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में आजीवन सेवा का व्रत लिया.

जन सेवा मंडल का गठन- मूलचंद लोढ़ा ने तमाम विषमताओं से रूबरू होने के बाद 6 जून 2000 को मझोला गांव में जागरण जन सेवा मंडल का गठन किया. यहां उन्होंने 5 गरीब बच्चों से अपने सेवा प्रकल्प की शुरुआत की. मूलचंद लोढ़ा ने अपने इन प्रयासों को जारी रखते हुए सेवा की अलख जगाई. उनकी सेवा रंग लाई और उन्होंने वागदारी स्थित महाराणा प्रताप परिसर में अपने सेवा क्षेत्र को और विस्तारित किया.

यहां शुद्ध सेवा भाव से अंधता निवारण के लिए वनवासी क्षेत्र के प्रथम और अत्याधुनिक संसाधन युक्त आचार्य श्री महाप्रज्ञ नेत्र चिकित्सालय की शुरुआत की. भामाशाहों के सहयोग से एक करोड़ रुपए की लागत से तैयार यह चिकित्सालय आज सभी आधुनिक चिकित्सा सेवाओं से युक्त है. मुंबई के प्रसिद्ध डॉ श्याम अग्रवाल इंदौर के डॉक्टर सुभाष बांडे भी प्रतिवर्ष एक शिविर में आ निशुल्क सेवाएं दे रहे हैं.

पढ़ें-Padma Awards 2023: पद्म पुरस्कारों का ऐलान, राजस्थान से चार शख्सियत होंगी सम्मानित

एक करोड़ का विद्या निकेतन- मूलचंद लोढ़ा की कोशिशों का ही प्रतिफल है कि यहां पर पाली, मारवाड़ के सुथार समाज ने एक करोड़ की लागत से गोविंद गुरु विद्या निकेतन विद्यालय का भवन तैयार कराया. इस निकेतन में फिलहाल 200 गरीब और निराश्रित बच्चे पढ़ अपने भविष्य को संवार रहे हैं. एक छात्रावास भी यहां पर संचालित किया जा रहा है जिसमें 300 से अधिक बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं.

परिजनों के लिए भी भोजनालय- जागरण जन सेवा मंडल छात्रावास में रहने वाले छात्रों, चिकित्सालय में ऑपरेशन कराने वाले रोगियों, रोगियों के परिजनों एवं जरूरतमंद लोगों के लिए एक भोजनशाला का भी संचालन हो रहा है. यहां प्रतिदिन सैकड़ों लोगों को के लिए भोजन बनता है. इसका संचालन वागड़ अक्षय अन्य निधि के माध्यम से किया जा रहा है. यहीं पर स्वामी विवेकानंद ध्यान केंद्र भी संचालित है. मूलचंद लोढ़ा की संस्था प्रतिवर्ष वार्षिक व्याख्यान माला आयोजित की जाती है. स्वर्गीय सोहनलाल लोढ़ा की स्मृति में आयोजित की जाने वाली इस वार्षिक व्याख्यान माला में देश के प्रसिद्ध सामाजिक चिंतक और विचारक अपने विचार रखते हैं. आजीवन सेवा का व्रत लिए मूलचंद लोढ़ा आज भी एक सरल व्यक्तित्व के रूप में समाज को जो पाया उसे अर्पित कर रहे हैं. लोग इसी लिए तो इन्हें मूल जी भाई साहब कह कर बुलाते हैं.

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