नई दिल्ली: बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादकों (जेनको) का बकाया अगले चार साल में पूरी तरह समाप्त हो जाएगा. केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने यह उम्मीद जताई है. उल्लेखनीय है कि डिस्कॉम पर जेनको का बकाया हमेशा एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है. सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों पर उत्पादकों के कुल बकाया को समान मासिक किस्त (ईएमआई) में बांट दिया है.
ये मासिक किस्तें अधिकतम चार साल की अवधि की हैं. ऐसे में डिस्कॉम पर कुल बकाया 2026 तक शून्य हो जाएगा. सिंह ने एजेंसी से कहा, 'अभी बिजली वितरण कंपनियों पर जेनको का कुल बकाया 1,13,000 करोड़ रुपये है. सिंह ने कहा कि सरकार ने बिजली क्षेत्र के लिए एक काफी तेजतर्रार भुगतान सुरक्षा तंत्र बनाया है. उन्होंने कहा कि बिजली मंत्रालय ने देरी से भुगतान के लिए विद्युत (विलंब भुगतान अधिभार) अधिनियम -2022 लागू किया है.
इन नियमों के तहत यदि डिस्कॉम द्वारा विलंब के लिए अधिभार का भुगतान नहीं किया जाता है, तो वे बिजली एक्सचेंजों से आपूर्ति नहीं ले पाएंगी. इससे पहले इसी साल अगस्त में सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली प्रणाली परिचालन निगम (पोसोको) ने तीन बिजली एक्सचेंजों आईईएक्स, पीएक्सआईएल और एचपीएक्स को विलंब से भुगतान के लिए अधिभार नहीं चुकाने पर 13 राज्यों की 27 डिस्कॉम को बिजली कारोबार रोकने को कहा था.