असम के माजुली में एम्बुलेंस न आने के चलते महिला ने सड़क पर दिया बच्चे को जन्म - woman gives birth to child on road
असम के माजुली में एम्बुलेंस न पहुंचने के चलते एक गर्भवती महिला को उसके परिवार वाले अपने साधन से अस्पताल ले जा रहे थे. लेकिन इस दौरान बीच में ही महिला को अधिक प्रसव पीड़ा होने लगी और महिला ने रास्ते में पड़ने वाली एक नदी के किनारे सड़क पर बच्चे को जन्म दिया. woman gives birth to child on road
माजुली:विश्व के सबसे बड़े नदी द्वीप माजुली के बारे में तो काफी लोग जानते हैं. नदी द्वीप की पहचान के अलावा माजुली वैष्णव संस्कृति के केंद्र के रूप में भी प्रसिद्ध है. माजुली में 35 से अधिक सत्र हैं, जहां वैष्णव संस्कृति प्रचलित हैं. लेकिन अगर हम माजुली के विकास की ओर ध्यान देते हैं, तो लोगों को आश्चर्य होता है. देश की आजादी के अमृतकाल और राज्य में भाजपा सरकार होने के बाद भी माजुली विकास का रोना रो रहा है.
असम के द्वीप जिलों के कई हिस्सों में लोग आज भी आदिम जीवनशैली जीते हैं. स्वच्छ पेयजल, स्वास्थ्य सेवाओं, खराब सड़कों और पुलों की कमी है. रविवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां माजुली में एक महिला ने एम्बुलेंस के अभाव में नदी किनारे अपने बच्चे को जन्म दिया. लुहित खाबोलू जीपी के अंतर्गत दंबुकियाल गांव में एक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई.
उसके परिवार ने 108 एम्बुलेंस सेवा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई सहायता नहीं मिली. एम्बुलेंस के न आने पर महिला के परिजन उसे ऐसे ही अस्पताल के लिए ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही उसे ज्यादा प्रसव पीड़ा होने लगी, जिसके बाद महिला ने एक नदी के किनारे बनी सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया. बच्चे के जन्म के बाद उसका परिवार उसे और नवजात शिशु को ई-रिक्शा से गरमुर जिला सिविल अस्पताल ले गया.
गौरतलब है कि साल 2016 में सर्बानंद सोनोवाल माजुली निर्वाचन क्षेत्र से असम विधानसभा के लिए चुने गए और राज्य के सीएम बने. इसके बाद 2021 में वह राज्यसभा के लिए चुने गए और पीएम मोदी कैबिनेट में शामिल हुए. असम के वर्तमान सीएम हिमंत बिसवा सरमा ने भी कई बार माजुली का दौरा किया.
वह विभिन्न तरीकों से माजुली के लोगों के प्रति अपनी सहानुभूति दिखाने की कोशिश करते रहे हैं. लेकिन वहां लोगों को जिस चीज (विकास) की सबसे ज्यादा जरूरत है, सरकार उसे ही मुहैया कराने में असमर्थ दिख रही है. माजुली एक विश्व धरोहर स्थल है और असम पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हालांकि, विकास के मामले में इसकी गति धीमी है.