नई दिल्ली : चीन में संक्रमण बढ़ने के बीच जब देश कोविड की ताजा लहर की चिंताओं से निपटने की तैयारी कर रहा है, गुरुवार को एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि 10 में से छह भारतीय (64 प्रतिशत) कोविड बूस्टर खुराक लेने से हिचक रहे हैं, क्योंकि युवाओं में दिल के दौरे के मामले बढ़े हैं. सर्वेक्षण में शामिल 53 प्रतिशत लोगों ने बूस्टर शॉट्स नहीं लिए हैं और न ही इसे लेने की योजना बना रहे हैं, वहीं 9 प्रतिशत ने अभी भी कोई कोविड वैक्सीन शॉट नहीं लिया है और ऐसा करने की उनकी कोई योजना नहीं है.
लोकल सोशल कम्युनिटी एंगेजमेंट प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स के मुताबिक, लगभग 2 फीसदी लोगों को अभी भी यह तय करना है कि बूस्टर शॉट लेना है या नहीं. चीन से एक नए कोविड वेरिएंट के आने और कहर ढाने की खबर ने नागरिकों और अधिकारियों को चिंतित कर दिया है. इस समय पूरे चीन में फैला हुआ प्रमुख ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट बीएफ.7 है. महामारी विज्ञानियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का अनुमान है कि चीन की 60 प्रतिशत आबादी संक्रमित हो जाएगी और मौजूदा लहर से दस लाख लोगों की मौत हो सकती है.
चीन के अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तर नहीं हैं और लोग अपने मृत प्रियजनों दफनाने के लिए कब्रिस्तान में घंटों इंतजार करते नजर आते हैं. सर्वेक्षण के निष्कर्ष में कहा गया है, "परिणाम से लगता है कि जहां 28 प्रतिशत ने टीकाकरण के साथ-साथ बूस्टर शॉट लेने की सावधानी बरती है और 8 प्रतिशत जो अगले 30 दिनों में ऐसा करने की संभावना रखते हैं, उत्तरदाताओं का एक बड़ा 64 प्रतिशत है, जो इस समय बूस्टर या एहतियाती खुराक लेने के प्रति अनिच्छुक हैं."