आगराःसपा संरक्षक व पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का आगरा से गहरा नाता था. वे सैकड़ों बार आगरा आए. फिर चाहे समाजवादी पार्टी की पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सम्मेलन रहा हो या सीएम बनने और उसके बाद भी आगरा आए. पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव का दूसरा घर आगरा था. उन्होंने आगरा से एमए किया था. उन्हें आगरा से बेहद लगाव था. मुलायम सिंह यादव से जुड़ी तमाम यादें और अनकही बातें पूर्व मंत्री डॉ. सीपी राय ने ईटीवी भारत से साझा की. उन्होंने बताया कि, मुलायम सिंह नाम की तरह दिल से मुलायम थे लेकिन फैसले हमेशा जनहित से जुड़े और कठोर लेते थे.
पूर्व मंत्री डॉ. सीपी राय ने बताया कि मुलायम सिंह यादव अक्सर कहा करते थे कि, आगरा में जब मैं कोई भी बात कहता हूं तो वह बात मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक जाती है. इलसिए, वे आगरा में मीडिया से बात किया करते थे. डॉ. सीपी राय ने बताया कि, यह वाकिया आगरा से जुड़ा हुआ है. मुलायम सिंह यादव आगरा आए थे और उस समय पार्टी की पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक थी, तभी अखबार पर उनकी नजर पड़ी और उन्होंने देखा कि, सदर क्षेत्र के नौलक्खा में पैसे के अभाव में एक ही परिवार की तीन बेटियों ने आत्महत्या कर ली थी. इस पर हम दोनों में चर्चा हुई और तय हुआ कि, हम गरीबों के लिए कुछ करेंगे.
मुलायम सिंह यादव जब सीएम बने तो उन्होंने सबसे पहले बेरोजगारी भत्ता युवाओं को दिया. इसके साथ ही कन्या धन देने की शुरुआत भी मुलायम सिंह यादव ने की थी. हर घर शौचालय का अभी शोर है लेकिन, सबसे पहले लोहिया जी ने इसकी चर्चा की थी. और लोहिया जी के इसी संदेश को लेकर मुलायम सिंह यादव जी ने अपने कार्यकाल में शौचालय पर तमाम कार्य कराए थे. शिक्षा के साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में भी मुलायम सिंह यादव ने काम किया.
पूर्व मंत्री डॉ. सीपी राय ने बताया कि जब मुलायम सिंह यादव रक्षा मंत्री थे और उस समय वे जम्मू कश्मीर में बॉर्डर पर गए थे. वहां उन्होंने देखा कि, लगातार पाकिस्तानी सेना की ओर से गोलाबारी की जा रही थी. इस पर उन्होंने जवानों से और तत्कालीन थलसेना अध्यक्ष से पूछा यह क्या है ? इस पर उन्होंने कहा कि, पाकिस्तानी सेना आए दिन लगातार इसी तरह से फायरिंग करती है, जिसमें जनहानि भी होती है. तमाम सैनिक शहीद भी होते हैं और गांव के लोगों को भी नुकसान होता है. इस पर रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव ने थल सेना अध्यक्ष से पूछा क्या करते हैं ? हम भी इसी तरह से जवाब देते हैं. इस पर उन्होंने तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए. कहा था कि आप मेरे सामने जवाब दें. इस पर तत्कालीन थल सेना अध्यक्ष सकपका गए थे, तब मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि, जितनी अहम एक रक्षा मंत्री की जान है, उतनी ही अहम एक सैनिक जान है.
पूर्व मंत्री डॉ. सीपी राय ने बताया कि, पहले जब कोई सैनिक शहीद होता था तो उसका कैप शहीद के घर पहुंचता था, लेकिन नेताजी मुलायम सिंह यादव ने इस व्यवस्था को बदला और शहीद के पार्थिव शरीर को ससम्मान घर भेजने की व्यवस्था की. यही वजह है कि, तभी से शहीद के पार्थिव शरीर को सम्मान देने के लिए जनप्रतिनिधि और नेता भी पहुंचते हैं.