नई दिल्ली : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को लोकपाल के पास तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन पर संसद में सवाल पूछने के एवज में धन लेने का आरोप लगाया गया है.
दुबे ने मोइत्रा पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह भारत में थीं, तब उनके संसदीय लॉगिन आईडी का इस्तेमाल दुबई में किया गया था. उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने जांच एजेंसियों को इस बारे में खुलासा किया है. वहीं, सांसद महुआ मोइत्रा ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को सभी सांसदों की लॉगिन पहुंच के बारे में विवरण जारी करना चाहिए और सत्यापित करना चाहिए कि क्या वे वहां प्रत्यक्ष रूप से मौजूद थे.
मोइत्रा की पार्टी ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन सांसद ने अपने खिलाफ आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी समूह और दुबे पर हमला करना जारी रखा है.
महुआ ने किया ट्वीट, 'पहले अडाणी पर दर्ज करें प्राथमिकी' :टीएमसी सांसद ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स (पूर्व में ट्विटर)' पर यह भी दावा किया कि उन्हें सीबीआई के आसन्न छापे के बारे में एक संदेश मिला था. मोइत्रा ने कहा, 'मैं दुर्गा पूजा में व्यस्त हूं. मैं सीबीआई को घर आकर मेरे जूतों की जोड़ी गिनने के लिए आमंत्रित करती हूं. लेकिन पहले अडाणी पर प्राथमिकी दर्ज करें, जिन्होंने कोयला घोटाले के जरिए देशवासियों के 13,000 करोड़ रुपये चुराए हैं.'
उनके पोस्ट के तुरंत बाद, दुबे ने हिंदी में 'एक्स' पर एक पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि वह 'सीबीआई, सीबीआई की बात सुनकर थक गए हैं' और उन्होंने लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराई है, जिसे सांसदों सहित सार्वजनिक प्राधिकरणों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने का काम सौंपा गया है.
दुबे ने कहा, 'लोकपाल द्वारा सांसदों और मंत्रियों के खिलाफ शिकायतों की निगरानी की जाती है. सीबीआई इसका माध्यम है.' भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ने इससे पहले आरोप लगाया कि 'एक सांसद ने चंद पैसों के लिए देश की सुरक्षा को गिरवी रख दिया.'
उन्होंने कहा, 'दुबई से सांसद का आईडी खोला गया. उस वक़्त कथित सांसद भारत में ही थीं. पूरी भारत सरकार, देश के प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) जी, वित्त विभाग, केंद्रीय एजेंसियों द्वारा इस एनआईसी का इस्तेमाल किया जाता है.'
दुबे ने पोस्ट में लिखा, 'क्या तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दलों को अब भी राजनीति करनी है. निर्णय जनता करेगी. एनआईसी ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दी है.'
मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि अडाणी का लेन-देन राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है, 'न कि एक ईमेल आईडी, जो हर पीए और हर सांसद की इंटर्न टीम सार्वजनिक रूप से रखती है और इच्छानुसार पहुंच रखती है.'