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Delhi University Student Union Election: 3 साल बाद DU छात्र संघ का चुनाव 22 सितंबर को, नोटिफिकेशन जारी

Delhi University Student Union Election: दिल्ली यूनिवर्सिटी में लंबे समय से छात्र संघ चुनाव का इंतजार कर रहे छात्र संगठनों का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया. इसे लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिसमें नामांकन से लेकर वोटिंग की तारीख के बारे में जानकारी दी गई है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 24, 2023, 6:20 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में छात्र संघ चुनाव का बिगुल बज गया है. 12 सितंबर तक नामांकन किया जा सकेगा और 22 सितंबर को वोटिंग होगी. डीयू के छात्र सुबह 8:30 बजे से दोपहर एक बजे तक और दोपहर तीन बजे से शाम 7:30 बजे तक मनपसंद प्रत्याशियों को वोट दे सकेंगे. इसके बाद वोटिंग के परिणाम की घोषणा की जाएगी. गुरुवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरफ से चुनाव को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इसमें चुनाव का पूरा शेड्यूल घोषित किया गया है. 13 सितंबर दोपहर 12 बजे तक प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकेंगे.

तीन साल बाद हो रहा चुनाव:डीयू में साल 2019 के बाद अब जाकर छात्र संघ चुनाव होने जा रहा है. 2019 में छात्र संघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने तीन सीट जीतकर बाजी मारी थी. इसमें एबीवीपी के अक्षित दहिया अध्यक्ष बने थे. वहीं, एक सीट नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के खाते में आई थी. इस बार एबीवीपी ने दावा किया है कि चारों सीटें वही जीतेगी. कहा जा रहा है कि सबसे कड़ी टक्कर एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच होगी.

एनएसयूआई ने कही ये बात:डीयू छात्रसंघ चुनाव पर बात करते हुए एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल सेहरावत ने कहा कि सबसे पहले तो दिल्ली यूनिवर्सिटी का बहुत बहुत धन्यवाद कि उन्होंने छात्र संघ का चुनाव का नोटिफिकेशन जारी किया. डीयू को भी पता चल गया कि बिना छात्र संघ चुनाव के छात्र अपनी बात नहीं रख सकते हैं. देर से ही सही, लेकिन अब चुनाव तो होंगे. उन्होंने कहा कि एनएसयूआई पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी.

दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जारी किया नोटिफिकेशन.

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इसके अलावा उन्होंने एबीवीपी पर तंज कसते हुए कहा कि भले की कोरोना महामारी के चलते पूर्व में चुनाव नहीं हुए, लेकिन एबीवीपी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने छात्रों के लिए क्या किया. अगर वह चाहते तो छात्रों की समस्या को सुनकर उनका समाधान करा सकते थे. उदाहरण के तौर पर गत वर्ष डीयू में दाखिला कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट के माध्यम से हुआ. छात्रों को यह प्रक्रिया समझ नहीं आई. अगर एबीवीपी चाहती तो इसका विरोध कर सकती थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया. वहीं एबीवीपी की ओर से कहा गया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र एबीवीपी के साथ है और इस बार भी वही चुनाव जीतेंगे.

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