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ड्रग्स स्मगलिंग, युवाओं के जीवन को नष्ट कर रही : मुंबई कोर्ट

नशीले पदार्थों के तस्कर, ड्रग्स के परिवहन के लिए जो अभिनव तरीके अपना रहे हैं वे युवाओं के जीवन को नष्ट कर रहे हैं. ये टिप्पणी एक आरोपी को जमानत देने से इनकार करने के आदेश में आईं, जिस पर व्यावसायिक मात्रा में ड्रग्स रखने का आरोप लगाया गया था.आरोपी ने चार्जशीट दाखिल होने के बाद जमानत की मांग की थी.

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Published : Oct 12, 2021, 5:55 PM IST

मुंबई : मुंबई की एक अदालत ने हाल ही में ड्रग्स की व्यावसायिक मात्रा रखने के आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया, यह देखते हुए कि इस तरह के अपराध युवा पीढ़ी को खराब करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करते हैं.

विशेष अदालत ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत कहा कि नशीली दवाओं के तस्करों ने दुनिया भर में मादक दवाओं के परिवहन के लिए "नवीन तरीके" खोजे हैं "जो बहुत से लोगों के जीवन को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है और हमारी आने वाली पीढ़ी की सुरक्षा के लिए खतरा है.

नशीले पदार्थों के तस्कर, लोगों के स्वास्थ को नजरअंदाज कर और केवल अपनी बेहतरी के लिए, युवाओं के बीच मादक दवाओं को वितरित करते हैं, जो कि कई बुराइयों का मूल कारण है.

कोर्ट ने वर्तमान पीढ़ी के जीवन में नशीले पदार्थों के प्रभाव पर भी टिप्पणी की. कड़े कानूनों और दंडात्मक कार्रवाइयों के बावजूद, ऐसे पदार्थों की तस्करी केवल युवाओं में ही बढ़ी है.

आदेश में कहा गया, वर्तमान पीढ़ी के जीवन में नशीले पदार्थों का प्रभाव इतने परिमाण और विशालता का है कि दुनिया भर की सरकारों ने ऐसे पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए हैं और इसके किसी भी उल्लंघन के लिए कड़े दंड की भी परिकल्पना की गई है.

न्यायालय एक कथित ड्रग पेडलर केरी मेंडेस के एक आवेदन पर विचार कर रहा था, जिसे नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत प्रतिबंधित कॉन्ट्रैबेंड की खरीद, उसे रखने, उसके परिवहन, बिक्री, खरीद में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

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एलएसडी ब्लॉट्स (कागज पर नशीली दवाओं की बूंदों) स्पलाई करने में शामिल होने पर मेंडेस और उसके तीन और साथियों को गिरफ्तार किया गया था और उन पर सामूहिक रूप से साजिश का आरोप लगाया गया था.

मेंडेस इस आधार पर जमानत की मांग कर रहा था कि चूंकि अब उसके खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है, इसलिए परिस्थिति में बदलाव आया है.

उनका तर्क था कि यदि प्रतिबंधित पदार्थ को ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले कागज के वजन को बाहर रखा जाता है तो प्रतिबंधित पदार्थ का वजन कम माना जाता है.

कोर्ट ने एनसीबी द्वारा उपलब्ध कराए गए एक दस्तावेज पर भी भरोसा किया जिसमें अन्य आरोपियों के साथ मेंडेस के संबंध, एनडीपीएस की धारा 67 के तहत उनके बयान और उनके व्हाट्सएप चैट को दिखाया गया था.

उनका दूसरा तर्क जमानत के लिए आरोपी की उम्र था. कोर्ट ने हालांकि कहा कि आरोपी की उम्र मायने नहीं रखती है. इसके विपरीत, कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि एक बार जब वे (आरोपी) रिहा हो जाते हैं, तो वे फिर से वही गतिविधियों में लिप्त होंगे जो अन्य युवाओं को बिगाड़ती हैं.

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