मुंबई : मुंबई की एक अदालत ने हाल ही में ड्रग्स की व्यावसायिक मात्रा रखने के आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया, यह देखते हुए कि इस तरह के अपराध युवा पीढ़ी को खराब करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करते हैं.
विशेष अदालत ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत कहा कि नशीली दवाओं के तस्करों ने दुनिया भर में मादक दवाओं के परिवहन के लिए "नवीन तरीके" खोजे हैं "जो बहुत से लोगों के जीवन को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है और हमारी आने वाली पीढ़ी की सुरक्षा के लिए खतरा है.
नशीले पदार्थों के तस्कर, लोगों के स्वास्थ को नजरअंदाज कर और केवल अपनी बेहतरी के लिए, युवाओं के बीच मादक दवाओं को वितरित करते हैं, जो कि कई बुराइयों का मूल कारण है.
कोर्ट ने वर्तमान पीढ़ी के जीवन में नशीले पदार्थों के प्रभाव पर भी टिप्पणी की. कड़े कानूनों और दंडात्मक कार्रवाइयों के बावजूद, ऐसे पदार्थों की तस्करी केवल युवाओं में ही बढ़ी है.
आदेश में कहा गया, वर्तमान पीढ़ी के जीवन में नशीले पदार्थों का प्रभाव इतने परिमाण और विशालता का है कि दुनिया भर की सरकारों ने ऐसे पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए हैं और इसके किसी भी उल्लंघन के लिए कड़े दंड की भी परिकल्पना की गई है.
न्यायालय एक कथित ड्रग पेडलर केरी मेंडेस के एक आवेदन पर विचार कर रहा था, जिसे नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत प्रतिबंधित कॉन्ट्रैबेंड की खरीद, उसे रखने, उसके परिवहन, बिक्री, खरीद में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.