नयी दिल्ली:केंद्रीयनागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ड्रोन सेवा क्षेत्र में जबरदस्त संभावनाएं हैं और इस क्षेत्र में अगले चार-पांच वर्षों में लगभग एक लाख रोजगार के मौके मिलेंगे. भारत सरकार ने ड्रोन निर्माण क्षेत्र के लिए उत्पादकता से जुड़ी एक योजना निकाली है. इस योजना के तहत ड्रोन निर्माण के एक नवजात उद्योग, जिसका कुल राजस्व 60 करोड़ रुपये था, को अगले तीन वर्षों में 120 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया गया. इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (IACC) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में मंत्री न कहा है.
पिछले साल घोषित पीएलआई योजना के तहत, ड्रोन और ड्रोन घटकों के निर्माता के लिए प्रोत्साहन कंपनी द्वारा अगले तीन वर्षों के दौरान किए गए मूल्यवर्धन का 20 प्रतिशत होगा. मूल्यवर्धन की गणना ड्रोन और ड्रोन घटकों से वार्षिक बिक्री राजस्व (जीएसटी का शुद्ध) घटाकर ड्रोन और ड्रोन घटकों की खरीद लागत (जीएसटी का शुद्ध) के रूप में की जाती है. मंत्रालय ने पीएलआई योजना के लाभार्थियों के रूप में चयनित 14 ड्रोन कंपनियों के नाम जारी किए हैं.
हम ड्रोन निर्माण क्षेत्र में लगभग 5,000 करोड़ रुपये के नए निवेश की संभावना देख रहे हैं. इसके साथ ही ड्रोन सेवा क्षेत्र में हम अगले चार-पांच वर्षों में 1,00,000 नौकरियों के सृजन की उम्मीद कर रहे हैं. इस क्षेत्र में जबरदस्त संभावनाएं हैं. भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है और हमारी राष्ट्रीय आय का 75 प्रतिशत हिस्सा 2031 तक शहरों से आने वाला है. आने वाले दशक में भारत की नियति तय करने में परिवहन और रसद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.