श्रीनगर:जम्मू -कश्मीर के सीमावर्ती अरनिया सेक्टर पोस्ट पर आज सुबह तकरीबन चार बजकर 25 मिनट के करीब पाकिस्तानी ड्रोन देखा गया. जैसे ही सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों की इस पर नजर पड़ी तो उन्होंने तुरंत इस पर फायरिंग शुरू कर दी. हालांकि कुछ ही समय के उपरांत पाकिस्तानी ड्रोन लौट गया.
अधिकारियों ने बताया कि, तड़के चार बजकर 25 मिनट पर बीएसएफ के सतर्क जवानों ने जम्मू के बाहरी क्षेत्र में स्थित अरनिया सेक्टर में संदिग्ध ड्रोन को देखा. इसे गिराने के लिए सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने आधा दर्जन गोलियां चलाई जिसके बाद ड्रोन पाकिस्तान की ओर लौट गया.
बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया, बल के चौकन्ना जवानों ने आज अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने का प्रयास कर रहे पाकिस्तान के एक छोटे ड्रोन पर गोलीबारी की. गोलीबारी की वजह से ड्रोन तुरंत ही लौट गया.
उन्होंने बताया कि ड्रोन इलाके की निगरानी करने के लिए आया था.
रविवार को यहां स्थित भारतीय वायुसेना के स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं. तब जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायुसेना स्टेशन पर विस्फोटकों से लदे ड्रोन गिराए गए थे. अधिकारियों का कहना था कि ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान के संदिग्ध आतंकवादियों ने हमले में मानवरहित यान का इस्तेमाल किया है.
इसके बाद सोमवार, मंगलवार और बुधवार को भी जम्मू के विभिन्न इलाकों में रात के वक्त महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों के ऊपर ड्रोन उड़ते नजर आए थे.
पुलिस ने शुरू किया घर-घर जांच अभियान
पुलिस ने जम्मू हवाई अड्डे के परिसर में भारतीय वायु सेना के एक केंद्र पर ड्रोनों से किये गये अपनी तरह के पहले आतंकवादी हमले के तीन दिन बाद विमानपत्तन के पास की आवासीय कॉलोनियों में घर-घर जाकर जांच और सत्यापन का अभियान शुरू कर दिया है.
अधिकारियों ने कहा कि चत्ता इलाके में पीर बाबा से शुरू हुए अभियान में पुलिस कर्मियों ने यहां रहने वाले लोगों के फोन नंबर समेत अन्य जानकारी जुटाई हैं. वायु सेना ने कैमरा लगे मानवरहित वायु यान को भी तैनात किया है, जो आज दोपहर बाद कई घंटे तक उसके केंद्र तथा आसपास के आवासीय क्षेत्र के ऊंपर मंडराता रहा.
अधिकारियों के अनुसार वायु सेना केंद्र पर अतिरिक्त फ्लड लाइट लगाई गयी हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के एक दल ने वायु सेना अड्डे का दौरा किया, लेकिन तत्काल पता नहीं चला है कि उसने क्या कार्रवाई की.
बीते दिनों जम्मू में भारतीय वायु सेना के स्टेशन पर शनिवार देर रात दो ड्रोन से विस्फोटक गिराए गए थे, जिसमें दो जवान मामूली रूप से घायल हो गए थे. पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों का देश के किसी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान पर इस तरह का यह पहला ड्रोन हमला है.
पहला विस्फोट शनिवार देर रात तकरीबन एक बजकर 40 मिनट के आसपास हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट उसके छह मिनट बाद हुआ. पहले धमाके में शहर के बाहरी सतवारी इलाके में भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित हवाई अड्डे के उच्च सुरक्षा वाले तकनीकी क्षेत्र में एक मंजिला इमारत की छत को नुकसान हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट जमीन पर हुआ.
जम्मू कश्मीर के राजौरी में ड्रोन के उपयोग, बिक्री और परिवहन पर प्रतिबंध
जम्मू कश्मीर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर हाल में हुए ड्रोन हमले के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीमावर्ती जिले राजौरी में ड्रोन मशीनों के भंडारण, बिक्री, परिवहन और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
राजौरी के जिलाधिकारी राजेश कुमार शवन की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, जिसके पास ड्रोन या ऐसी वस्तुएं हैं. उन्हें स्थानीय पुलिस थाने में जमा करना होगा. आदेश में कहा गया कि मैपिंग, सर्वेक्षण और निगरानी के लिए सरकारी एजेंसियों को ड्रोन के उपयोग की अनुमति है किंतु उन्हें इसके लिए स्थानीय पुलिस थाने तथा कार्यकारी मजिस्ट्रेट को सूचित करना होगा.
पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने रविवार को जम्मू में वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन से दो बम गिराए थे. जिससे दो कर्मी मामूली रूप से घायल हो गए थे. आदेश में कहा गया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों के तहत जिले में ड्रोन या उड़ने वाले छोटे खिलौने या ऐसी किसी भी वस्तु के भंडारण, बिक्री, रखने, उपयोग और परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
आदेश में कहा गया, “जिनके पास पहले से ड्रोन कैमरा या ऐसे खिलौने हैं उन्हें स्थानीय पुलिस थाने में जमा करना होगा” जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि राष्ट्र विरोधी तत्व ड्रोन और उड़ने वाली वस्तुओं के इस्तेमाल से केंद्र शासित क्षेत्र में लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
एनआईए जम्मू वायुसेना स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के मामले में जांच संभाली
जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायु सेना स्टेशन पर हाल ही में हुए ड्रोन हमले की जांच मंगलवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने संभाल ली. भारतीय वायुसेना स्टेशन पर रविवार तड़के हुए अपनी तरह के ऐसे पहले आतंकवादी हमले की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला गृह मंत्रालय ने किया. गृह मंत्रालय के आदेश के अनुरूप एनआईए ने कहा कि उसने 27 जून की तारीख में सतवारी थाने में पुन: मामला दर्ज किया गया है.
एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए जम्मू में विस्फोटक तत्व अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की अनेक धाराओं तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
प्रवक्ता ने कहा कि मामला जम्मू के वायु सेना केंद्र, सतवारी परिसर के अंदर एक विस्फोट तथा उसके करीब छह मिनट बाद एक और विस्फोट होने से संबंधित है.
जम्मू में भारतीय वायु सेना के स्टेशन पर शनिवार देर रात दो ड्रोन से विस्फोटक गिराए गए थे, जिसमें दो जवान मामूली रूप से घायल हो गए थे. पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों का देश के किसी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान पर इस तरह का यह पहला ड्रोन हमला है. पहला विस्फोट शनिवार देर रात एक बजकर 40 मिनट के आस-पास हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट उसके छह मिनट बाद हुआ. पहले धमाके में शहर के बाहरी सतवारी इलाके में भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित हवाई अड्डे के उच्च सुरक्षा वाले तकनीकी क्षेत्र में एक मंजिला इमारत की छत को नुकसान हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट जमीन पर हुआ.
एनआईए प्रवक्ता ने कहा, एनआईए घटना के फौरन बाद से अन्य एजेंसियों के साथ काम कर रही है, वहीं पुन: मामला पंजीकृत करने के साथ ही मामले की त्वरित जांच के लिए कानून के मुताबिक आवश्यक कदम उठाये गये हैं.
इससे पहले आज दिन में दिल्ली में गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया था कि हमले के मामले में जांच का काम एनआईए को सौंप दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन द्वारा गिराई गई विस्फोटक सामग्री आरडीएक्स और अन्य रसायनों के मिश्रण का उपयोग कर बनायी गई हो सकती है, लेकिन इस बारे में अंतिम पुष्टि होने का इंतजार है. जांचकर्ताओं ने हवाई अड्डे की चाहर दीवारी पर लगे कैमरों सहित सीसीटीवी फुटेज खंगाला है. ताकि यह पता लगाया जा सके कि ड्रोन कहां से आए थे. हालांकि सभी सीसीटीवी कैमरे सड़क की ओर लगे थे.
अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन ने विस्फोटक सामग्री गिराई और वे रात के दौरान या तो सीमा पार या किसी अन्य स्थान की ओर चले गए। जम्मू हवाई अड्डे और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच हवाई दूरी 14 किलोमीटर है.
(इनपुट-भाषा)