पुणे: महाराष्ट्र में आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने एक अदालत को यह जानकारी दी है कि उसने एक पाकिस्तानी महिला एजेंट को एक मामले में सह-आरोपी बनाया है, जिसने डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को कथित तौर पर हनी ट्रैप में फंसाया था. इसके अलावा एटीएस ने वैज्ञानिक का साइकोएनालिसिस परीक्षण करने की भी इजाजत मांगी है.
गौरतलब है कि कुरुलकर पुणे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला के निदेशक थे. उन्हें एटीएस ने तीन मई को एक पाकिस्तानी महिला खुफिया एजेंट को गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. सूत्रों ने कहा कि आरोपी महिला, जारा दासगुप्ता के एक नकली नाम के साथ अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रही थी और वह वैज्ञानिक कुरुलकर के संपर्क में थी.
सूत्रों ने कहा कि एजेंट के आईपी एड्रेस के पाकिस्तानी होने का पता चलने के बाद एटीएस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में जारा दासगुप्ता का नाम शामिल किया. एटीएस ने अब प्राथमिकी में सरकारी गोपनीयता अधिनियम की धारा चार को भी जोड़ा दिया है, जो कुछ अपराधों में सबूत के रूप में, विदेशी एजेंटों के साथ संचार से संबंधित है. आतंकवाद रोधी दस्ते के मुताबिक, डीआरडीओ वैज्ञानिक व्हाट्सऐप और वीडियो कॉल के जरिये पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में था.