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उत्तरकाशी टनल हादसे में कामयाबी, मलबे से लाइफ सपोर्ट पाइप आरपार, DRDO ने साइट पर भेजे दो रोबोट

Robot Sent by DRDO at Silkyara Tunnel Site डीआरडीओ रोबोटिक्स टीम उत्तरकाशी पहुंच चुकी है. सिल्क्यारा पहुंची डीआरडीओ रोबोटिक्स टीम ने टनल साइट पर दो रोबोट भेजें हैं. इसके साथ ही टनल में मलबे वाली जगह से खाने पीने और दवाइयों के लिए एक पाइप आरपार कर लिया गया है.

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 20, 2023, 5:21 PM IST

Updated : Nov 20, 2023, 6:51 PM IST

Uttarakhand Tunnel Accident
उत्तरकाशी टनल हादसे में बड़ी कामयाबी

मलबे से लाइफ सपोर्ट पाइप आरपार

देहरादून (उत्तराखंड): उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेक्क्यू ऑपरेशन नौंवे दिन भी जारी है. रेस्क्यू ऑपरेशन में अब रोबोट की मदद भी ली जा सकती है. रेक्क्यू ऑपरेशन के नौंवे दिन डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation) की एक टीम रोबोटिक्स मशीन के साथ सिलक्यारा पहुंची है. डीआरडीओ ने रोबोटिक्स टीम के साथ सिलक्यारा टनल साइट पर 20 किलो और 50 किलो वजनी दो रोबोट भेजे हैं.

यहां फंसे हैं मजदूर

मलबे के आर पार डाला गया लाइफ सपोर्ट पाइप: उत्तरकाशी सिल्कयारा टनल में भोजन, दवाइयां, ऑक्सीजन के लिए 6 इंच चौड़ा और 57 मीटर लंबा पाइप डाला गया है. इस पाइप से टनल में फंसे श्रमिकों को राहत मिलेगी. इससे पहले 4 इंच की पाइपलाइन ही लाइफलाइन बनी हुई थी. अब सेकेंड्री लाइफ लाइन के तौर पर छह इंच व्यास की पाइप लाइन मलबे के आरपार बिछा दी गई है. जिसके बाद श्रमिकों तक बड़े आकार की सामग्री व खाद्य पदार्थ तथा दवाएं और अन्य जरूरी सामान के साथ ही संचार के उपकरण भेजने में सहूलियत होगी. इसके बाद अब अंदर फंसे श्रमिकों के जीवन को सुरक्षित बनाये रखने का भरोसा कई गुना बढ़ा है. इस अच्छी खबर के बाद श्रमिकों और उनके परिजनों साथ ही रेस्क्यू के मोर्चों पर खुशी और उत्साह देखने को मिल रहा है.

मलबे से लाइफ सपोर्ट पाइप आरपार

इस बीच उत्तराखंड शासन के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने आज परियोजना व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सुरंग का निरीक्षण कर रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया. उन्होंने सेकेंडरी लाइफलाइन बनाने के काम को सफलतापूर्वक पूरा करने पर रेस्क्यू में जुटे लोगों को बधाई दी.

ऐसे पार हुआ लाइफ सपोर्ट पाइप

वहीं, रोबोट के बारे में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने जानकारी देते हुए बताया, 'DRDO ने 20 किलो और 50 किलो वजन के 2 रोबोट भेजे हैं. ये रोबोट धरती पर चलकर आगे जाते हैं लेकिन वहां की ज़मीन रेत की तरह है. मुझे आशंका है कि रोबोट वहां चल पाएंगे या नहीं. फिर भी हम कोशिश करेंगे.'

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National Highways and Infrastructure Development Corporation Limited के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने बताया कि, 'ड्रिलिंग के लिए सारी मशीन आ रही हैं, एक-दो दिन में यहां पहुंच जाएंगी.'उन्होंने बताया कि,बीआरओ इस छोर और बड़कोट छोर पर जहां भी जरूरत है, वहां सड़क बना रहा है. दोनों तरफ सड़कें तैयार हैं. अब हम मशीनरी का इंतजार कर रहे हैं. मशीनें बहुत भारी हैं, उन्हें हवाई मार्ग से नहीं ले जाया जा सकता.

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इन विकल्पों पर हो रहा काम

कैसे काम करेंगे रोबोट: सिलक्यारा टनल के अंदर लैंडस्लाइड के कारण जो मलबा जमा हुआ है उसके ऊपरी हिस्से में थोड़ी बह़ुत जगह है. जहां से रोबोट को निकालने की योजना है. इसके अलावा इसी हिस्से से एक पाइप भी टनल के अंदर डाला गया है. जिससे अधिक मात्रा में भोजन, पानी, दवाइयों को पहुंचाया जा रहा है.

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वहीं, उत्तरकाशी सिल्कयारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए चल रहे ऑपरेशन पर पर एनडीआरएफ आईजी एनएस बुंदेला का भी बयान आया है. उन्होंने कहा फंसे हुए 41 श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है. उन्हें बचाने के प्रयास जारी है. उन्होंने कहा घटनास्थल पर एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात हैं. एक बार धुरी सुरंग बन जाने के बाद, हम फंसे हुए लोगों को बचाने में सक्षम होंगे.

Last Updated : Nov 20, 2023, 6:51 PM IST

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