देहरादून (उत्तराखंड): उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेक्क्यू ऑपरेशन नौंवे दिन भी जारी है. रेस्क्यू ऑपरेशन में अब रोबोट की मदद भी ली जा सकती है. रेक्क्यू ऑपरेशन के नौंवे दिन डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation) की एक टीम रोबोटिक्स मशीन के साथ सिलक्यारा पहुंची है. डीआरडीओ ने रोबोटिक्स टीम के साथ सिलक्यारा टनल साइट पर 20 किलो और 50 किलो वजनी दो रोबोट भेजे हैं.
मलबे के आर पार डाला गया लाइफ सपोर्ट पाइप: उत्तरकाशी सिल्कयारा टनल में भोजन, दवाइयां, ऑक्सीजन के लिए 6 इंच चौड़ा और 57 मीटर लंबा पाइप डाला गया है. इस पाइप से टनल में फंसे श्रमिकों को राहत मिलेगी. इससे पहले 4 इंच की पाइपलाइन ही लाइफलाइन बनी हुई थी. अब सेकेंड्री लाइफ लाइन के तौर पर छह इंच व्यास की पाइप लाइन मलबे के आरपार बिछा दी गई है. जिसके बाद श्रमिकों तक बड़े आकार की सामग्री व खाद्य पदार्थ तथा दवाएं और अन्य जरूरी सामान के साथ ही संचार के उपकरण भेजने में सहूलियत होगी. इसके बाद अब अंदर फंसे श्रमिकों के जीवन को सुरक्षित बनाये रखने का भरोसा कई गुना बढ़ा है. इस अच्छी खबर के बाद श्रमिकों और उनके परिजनों साथ ही रेस्क्यू के मोर्चों पर खुशी और उत्साह देखने को मिल रहा है.
इस बीच उत्तराखंड शासन के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने आज परियोजना व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सुरंग का निरीक्षण कर रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया. उन्होंने सेकेंडरी लाइफलाइन बनाने के काम को सफलतापूर्वक पूरा करने पर रेस्क्यू में जुटे लोगों को बधाई दी.
वहीं, रोबोट के बारे में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने जानकारी देते हुए बताया, 'DRDO ने 20 किलो और 50 किलो वजन के 2 रोबोट भेजे हैं. ये रोबोट धरती पर चलकर आगे जाते हैं लेकिन वहां की ज़मीन रेत की तरह है. मुझे आशंका है कि रोबोट वहां चल पाएंगे या नहीं. फिर भी हम कोशिश करेंगे.'