बेंगलुरु: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा कि कानपुर स्थित उसकी प्रयोगशाला रक्षा सामग्री एवं भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई) ने कम वजन की बुलेटप्रूट जैकेट विकसित की है, जिसका भार केवल नौ किलोग्राम है.
इसने कहा कि यह जैकेट भारतीय सेना की गुणवतता संबंधी जरूरतें पूरी करने में मदद करेगी.
डीआरडीओ ने एक बयान में कहा कि फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल’ (एफएचएपी) जैकेट का चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला में (टीबीआरएल) में परीक्षण किया गया और भारतीय मानक ब्यूरो संबंधी मानक प्राप्त कर लिए गए.
डीआरडीओ के अनुसार इस महत्वपूर्ण विकास की अहमियत इस तथ्य में है कि जैकेट के वजन में प्रत्येक ग्राम की कमी सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उन्हें वजन से राहत प्रदान करती है.