नई दिल्ली: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय 1 अप्रैल, 2023 से स्वचालित परीक्षण केंद्रों के जरिए वाहनों की अनिवार्य फिटनेस जांच को अनिवार्य बनाना चाहती है (mandatory fitness of vehicles only through an Automated Testing Station). सरकार चरणबद्ध तरीके से इस जांच को अनिवार्य बनाने की तैयारी कर रही है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में जनता की राय जानने के लिए स्वचालित परीक्षण केंद्रों के जरिए वाहनों की अनिवार्य फिटनेस संबंधी अधिसूचना के मसौदे को जारी कर दिया है.
दरअसल, स्वचालित परीक्षण केंद्रों में वाहन की फिटनेस के परीक्षण के लिए जरूरी जांच मैकेनिकल उपकरणों की मदद से स्वचालित तरीके से ही हो जाती है. एटीएस में वाहन की फिटनेस के परीक्षण के लिए आवश्यक विभिन्न जांच मैकेनिकल उपकरण की मदद से स्वचालित तरीके से हो जाती है. मसौदा अधिसूचना के मुताबिक इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. भारी मालवाहक वाहनों और भारी यात्री मोटर वाहनों के लिए एटीएस के जरिए फिटनेस जांच एक अप्रैल 2023 से अनिवार्य हो जाएगी.
मध्यम आकार वाले मालवाहक वाहन और यात्री वाहनों तथा हल्के मोटर वाहन (परिवहन) के लिए यह जांच एक जून 2024 से अनिवार्य होगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाने ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अंत में एटीएस के जरिए फिटनेस परीक्षण वाणिज्यिक और निजी दोनों वाहनों के लिए अनिवार्य होगा. उन्होंने कहा कि अगले साल से भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए यह फिटनेस परीक्षण करवाना अनिवार्य कर दिया जाएगा.