जयपुर : राजस्थान विधानसभा के मौजूदा सत्र (Rajasthan Assembly session) के तहत 17 और 18 सितंबर को सदन की कार्यवाही चलेगी. विधानसभा स्पीकर डॉ. सी.पी जोशी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान यह बात कही. तीन दिवसीय इंडियन यूथ पार्लियामेंट को संबोधित करने आए सीपी जोशी ने दल बदल कानून से लेकर विधान परिषद समेत सभी सवालों का खुलकर जवाब दिया.
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान सीपी जोशी (CP Joshi) ने कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी अध्यक्ष की होती है और सदन नियम और कानून के अंतर्गत ही चलाए जाते हैं. इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की भी जिम्मेदारियां होती हैं. लेकिन जब सत्ता पक्ष के लोग विपक्ष की बात ही ना सुनना चाहें तो फिर हाउस चलाने का तरीका यही था कि उसे स्थगित कर दिया जाए. जिस तरह मेरे पास सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का अधिकार है. उसी तरह सदन बुलाने का भी अधिकार है. जोशी से जब पूछा गया कि क्या 17 और 18 सितम्बर को विधानसभा की कार्यवाही चलेगी. उन्होंने कहा उम्मीद किया जाना चाहिए निश्चित रूप से चलेगी.
वैचारिक आधार पर सत्ता आई तो मिलेगी बेस्ट गवर्नेंस
कार्यक्रम के दौरान पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी में वैचारिक आधार को काफी महत्वपूर्ण बताते हुए जोशी ने कहा कि इस देश में यदि वैचारिक आधार पर लोगों को शिक्षित कर सत्ता में आए तो फिर बेस्ट गवर्नेंस मिलेगी. लेकिन यदि विनिबिलिटी के आधार पर सत्ता में आएंगे तो देश की प्रगति में कंट्रीब्यूशन ज्यादा नहीं होगा. जोशी ने कहा कुछ साल पहले तक देश में वोटिंग परसेंट 50 फीसदी से ज्यादा नेशनल पार्टियों का रहता था, लेकिन आज स्थिति बदल गई है. क्षेत्रीय दल हावी होते जा रहे हैं.
जीतने के बाद दलबदल करने वालों के खिलाफ बने सख्त कानून
विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी (Rajasthan Assembly Speaker Dr CP Joshi) ने इंडियन यूथ पार्लियामेंट को संबोधित करते हुए कहा कि पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी में वोटिंग का आधार वैचारिक होना चाहिए, तभी एक मजबूत वैचारिक आधार वाली सरकार बनती है. हालांकि जोशी ने यह भी कहा कि जब विचारधारा कमजोर होती है तो कई बार देखने में आता है व्यक्ति जिस पार्टी के टिकट से जीता है, जीतने के बाद दल बदल लेता है.
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि ऐसे दलबदल करने वाले जनप्रतिनिधि के खिलाफ उस पार्टी के अध्यक्ष को निर्वाचन आयोग में शिकायत करके उसे पद से वंचित करने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष को होना चाहिए. जिससे इस प्रकार के दुरुपयोग के मामले ना आएं.