देहरादून :अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है. इसके बावजूद भी भारत में अफगानिस्तान सेना के सैन्य अफसरों का डिफेंस कोर्स जारी है. हालांकि भविष्य में भारत के अफगानिस्तान के साथ कैसे संबंध रहते हैं, इसको लेकर अभी भी संशय बरकार है. इसी को लेकर केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री अजय भट्ट का भी एक बयान आया है.
केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में बदले हुए हालात पर नजर रख रहा है. अब नई विदेश और रक्षा नीति के अनुसार ही अफगानिस्तान को लेकर फैसला लिया जाएगा. उसी के बाद अफगानिस्तान को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा.
केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री अजय भट्ट. बता दें कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) में हर साल मित्र राष्ट्रों के कैडेट्स ट्रेनिंग लेते हैं. इसमें सबसे ज्यादा कैडेट्स अफगानिस्तान के ही होते है. वर्तमान में भी 83 अफगान कैडेट्स आईएमए में ट्रेनिंग ले रहे हैं.
वहीं भविष्य में क्या अफगान कैडेट्स आईएमए में ट्रेनिंग लेंगे इसको लेकर जब केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार अफगानिस्तान के हालात पर नजर बनाए है.
कहा कि भविष्य में अफगानिस्तान को लेकर क्या नीति बनती है, उसी के आधार पर कुछ फैसला लिया जाएगा. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि इस वक्त आईएमए में जो अफगान कैडेट्स ट्रेनिंग ले रहे हैं, वह अच्छे लोग हैं. वे तालिबानी नहीं हैं.
भारत सरकार को उनकी चिंता है, लेकिन अब अफगानिस्तान में हालात बदल गए हैं. अफगानिस्तान को लेकर भारत की नई रक्षा नीति और विदेश नीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इंडियन मिलिट्री एकेडमी में अफगानिस्तान से आने वाले प्रशिक्षु अभ्यर्थियों की एंट्री बैन हो सकती है.
यह भी पढ़ें-तालिबान की राह में 'कांटों भरा ताज' पूर्व सिपहसालारों की चुनौती बन सकती है गृहयुद्ध का कारण
बता दें कि फिलहाल भारत अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है. बीते दिनों कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की थी. भारतीय राजदूत और तालिबान नेता के बीच बैठक दोहा स्थित भारतीय दूतावास में तालिबान के अनुरोध पर हुई थी.
इन देशों के जैटलमैन कैडेट लेते हैं ट्रेनिंग: IMA में अफगानिस्तान के अलावा भूटान, नेपाल, श्रीलंका, तजाकिस्तान, मालदीव और वियतनाम समेत 18 मित्र राष्ट्रों के जेंटलमैन कैडेट्स हर साल ट्रेनिंग लेते हैं.