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कोरोना का कहर : कर्नाटक में 20 लोगों की जांच में मिला डबल म्यूटेंट वायरस - कोरोना की दूसरी लहर

कोरोना की दूसरी लहर के बीच कर्नाटक के कुछ इलाकों में डबल म्यूटेंट वायरस का पता चला है. कर्नाटक में अब तक 20 लोगों के नमूनों में म्यूट वायरस पाया गया है.

डॉ. संजीव राव
डॉ. संजीव राव

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Published : Apr 28, 2021, 9:55 PM IST

बेंगलुरु:कोरोना की दूसरी लहर के बीच राज्य में अब एक डबल म्यूटेशन देखा जा रहा है. B.1.617 उत्परिवर्ती वायरस जो केवल महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, आंध्र प्रदेश में पाया गया था अब कर्नाटक में पाया जा रहा है.

कर्नाटक में अब तक 20 लोगों के नमूनों में म्यूट वायरस पाया गया है. शहर की निमहंस लैब में जीनोमिक अनुक्रमण में डबल म्यूटेंट का पता चला है.

माना जा रहा है कि डबल म्यूटेंट वायरस कर्नाटक से सटे महाराष्ट्र से आया है.

बेंगलुरु और कलबुरगी में संक्रमण का पता चला है जिसने चिंता बढ़ा दी है. हालांकि बीते सप्ताह संक्रमित लोगों की संख्या 30 हजार प्रतिदिन के पार चली गई है. अब ये पता करने की कोशिश की जा रही है कि क्या डबल म्यूट वायरस से संक्रमण फैल रहा है.

शरीर को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है म्यूट वायरस

मणिपाल हॉस्पिटल के आंतरिक चिकित्सा सलाहकार डॉ. संजीव राव ने इस बारे में बताया कि कोरोना वायरस बिल्कुल नया रूप ले रहा है. डबल म्यूटेंट वायरस बहुत शक्तिशाली होता जा रहा है और तेजी से फैल रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि यह संक्रमण अधिक शक्तिशाली है. इससे शरीर और कोशिकाओं को अधिक नुकसान होता है.

उनका कहना है कि जांच का तरीका बदलना होगा. वायरस दिन ब दिन नया रूप लेगा. हर बार रूपांतरित होने के बाद यह अधिक शक्तिशाली होता जा रहा है. इस प्रकार, रैपिड एंटीजन, RTPCR परीक्षण से वर्तमान दोहरे उत्परिवर्ती B.1.617 संक्रमण का पता नहीं लगाया जा सकता है.

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उन्होंने कहा कि सीटी स्कैन जैसे परीक्षण किए जा सकते हैं. यद्यपि शरीर को एक ही नुकसान होता है, लेकिन यह पिछले वायरस की तुलना में बहुत तेजी से फैल सकता है. उन्होंने कहा कि फेफड़े पहले संक्रमित हो जाते हैं, जिससे मरीजों का दम घुटने लगता है. इसके बाद, हृदय और मस्तिष्क के अंग प्रभावित होते हैं. इससे मौत का आंकड़ा बढ़ जाता है.

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