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सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद, इतने श्रद्धालुओं ने टेका मत्था - Uttarakhand Latest news today

Hemkund Sahib Kapat Closed for Winter सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की पवित्र तपोस्थली हेमकुंड साहिब के कपाट आज विधि विधान और पंच प्यारों की अगुवाई में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. इस बार पौने 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने धाम में मत्था टेका. वहीं, लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं. Gurudwara Shri Hemkund Sahib

Gurudwara Shri Hemkund Sahib
हेमकुंड साहिब के कपाट

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 11, 2023, 3:31 PM IST

Updated : Oct 12, 2023, 12:37 PM IST

चमोली (उत्तराखंड):सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. इस बार 1 लाख 80 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में मत्था टेका.

20 मई को खुले थे हेमकुंड साहिब के कपाट: बता दें कि बीती 20 मई को उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे. इस साल करीब पौने दो लाख श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब के दर्शन किए. आज यानी 11 अक्टूबर को हेमकुंड साहिब के कपाट विधि विधान, अंतिम अरदास और पंच प्यारों की अगुवाई में बंद कर दिए गए.

हेमकुंड साहिब में कल हल्की बर्फबारी भी हुई थी, लेकिन आज मौसम साफ रहा और चटख धूप खिली रही. आज गुरुद्वारे के कपाट बंद होने के मौके पर करीब 2 हजार लोग साक्षी बने. इस दौरान गुरु का धाम 'जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल...' से गूंज उठा. वहीं, उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कपाट बंद होने के मौके पर प्रदेशवासियों के सुख समृद्धि की कामना की.

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गौर हो कि सिखों के दसवें और अंतिम गुरु 'गुरु गोविंद सिंह' ने हेमकुंड साहिब में तपस्या की थी. हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा समुद्र तल से करीब 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस पावन स्थल के पास ही हिंदू धर्म का भी एक प्रमुख मंदिर मौजूद है, जिसे लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के नाम से जाना जाता है.

हिमालय की गोद, बर्फीली वादियों और झील के तट पर हेमकुंड साहिब का गुरुद्वारा है. जहां हर साल लाखों की संख्या श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. हेमकुंड साहिब का सफर काफी मुश्किल भरा है. इतना ही नहीं हेमकुंड साहिब तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को बर्फीले रास्तों को पार करना होता है. हालांकि, जुलाई-अगस्त-सितंबर महीने में यहां बर्फ पिघल जाती है.

कैसे पड़ा हेमकुंड का नाम? हेमकुंड संस्कृत शब्द है. इसका मतलब बर्फ का कुंड होता है. यही वजह है कि इसका नाम इस जगह का नाम हेमकुंड पड़ा. हेमकुंड में पवित्र झील यानी कुंड के किनारे सिखों का प्रसिद्ध गुरुद्वारा है. हेमकुंड साहिब में साल में 7-8 महीने बर्फ जमी रहती है.

Last Updated : Oct 12, 2023, 12:37 PM IST

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