देहरादून: उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का कल से आगाज होने जा रहा है. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को बधाई दी और कहा कि सरकार पूरी तरह से तैयार है. वहीं सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति अतिथि देवो भवः की रही है. उसी को ध्यान में रखकर यात्रा की शुरुआत की जा रही है. अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री धाम के कपाट 3 मई को पूर्वाह्न 11.15 बजे और यमुनोत्री धाम के कपाट भी 3 मई को ही अपराह्न 12.15 बजे खुलेंगे. जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई सुबह 6.25 और बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को 6 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे.
3 मई को खुलेगा यमुनोत्री धाम: यमुनोत्री मंदिर समुद्रतल से 3235 मीटर ऊंचाई पर है. यहां देवी यमुना का मंदिर है. यहीं यमुना नदी का उद्गम स्थल भी है. यमुनोत्री मंदिर टिहरी गढ़वाल के राजा प्रतापशाह ने बनवाया था. इनके बाद मंदिर का जीर्णोद्धार जयपुर की रानी गुलेरिया ने करवाया था.
3 मई को खुलेगा गंगोत्री धाम: गंगोत्री से गंगा नदी का उद्गम होता है. यहां देवी गंगा का मंदिर है. समुद्र तल से ये मंदिर 3042 मीटर की ऊंचाई पर है. ये स्थान जिला उत्तरकाशी मुख्यालय से 100 किमी की दूरी पर है. हर साल गंगोत्री मंदिर मई से अक्टूबर तक के लिए खोला जाता है. इस क्षेत्र में राजा भागीरथ ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तप किया था. शिवजी यहां प्रकट हुए और उन्होंने गंगा को अपनी जटाओं में धारण कर उसका वेग शांत किया था. इसके बाद इसी क्षेत्र में गंगा की पहली धारा भी गिरी थी. जिसके बाद भागीरथ ने अपने पुरखों का तारा था.
6 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट: द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम के कपाट इस बार 6 मई को खुलेंगे. रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम 2013 में आई आपदा में सिसक उठा था. उसके बाद 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ का पुनर्निर्माण कार्य शुरू कराया. अब केदारनाथ अपनी पहली वाली रंगत में लौट आया है.
8 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट:देश के चारधाम में से एक बदरीनाथ धाम के कपाट इस बार 8 मई को खुलेंगे. अलकनंदा नदी के तट पर स्थित बदरीनाथ धाम को मोक्षधाम भी कहा जाता है. भगवान विष्णु के इस धाम को लेकर श्रद्धालुओं में अगाध श्रद्धा है. बदरीनाथ देश के चारधामों में भी शामिल है. रामेश्वरम, जगन्नाथ पुरी और द्वारका के साथ बदरीनाथ देश के चार धामों में एक है.
धाम में यात्रियों की संख्या का निर्धारण: चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की संख्या मंदिर समिति द्वारा निर्धारित कर दी गई है. मंदिर समिति द्वारा निर्धारित की गई यात्रियों की संख्या यात्रा के पहले 45 दिनों के लिए है. बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए हर दिन 15,000 यात्री दर्शन करेंगे. वहीं केदारनाथ के दर्शन के लिए हर दिन 12 हजार यात्री दर्शन करेंगे. इसके अलावा गंगोत्री में 7,000 यात्री 1 दिन में कर दर्शन करेंगे. जबकि एक दिन में यमुनोत्री में चार हजार श्रद्धालु ही दर्शन कर सकेंगे. शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है.
ढाई लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन: चारधाम यात्रा के लिए अब तक लगभग सवा तीन लाख तीर्थ यात्री पंजीकरण करा चुके हैं. चारधाम और यात्रा मार्ग पर आने वाले दो महीने के लिए होटलों में कमरों की बुकिंग फुल है. साथ ही केदारनाथ हेली सेवा के लिए 20 मई तक टिकटों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है. श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पर्यटन विभाग ने गढ़वाल मंडल विकास निगम के माध्यम से केदारनाथ में टेंट लगाकर एक हजार लोगों के ठहरने की अतिरिक्त व्यवस्था की है. बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने प्रतिदिन यात्रियों की संख्या तय की है.
भारी बारिश को लेकर अलर्ट: वहीं चारधामों में व्यवस्था बनाने की चुनौती है. मौसम विभाग ने तीन मई को कई जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. जिससे यात्रा शुरू होते ही मौसम भी परीक्षा लेगा. 3 मई को उत्तराखंड के सभी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. इसके साथ आंधी और ओलावृष्टि होने के भी आसार हैं. मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर और उत्तरकाशी जिलों में 3 मई को सबसे ज्यादा बारिश होने की संभावना है. इसके साथ ही 4 और 5 मई को भी प्रदेश के सभी जिलों में मध्यम बारिश के साथ आंधी तूफान देखने को मिलेगा.
कैसे करें चारधाम के लिए रजिस्ट्रेशन:2013 में आई केदार आपदा के बाद से चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (char dham yatra package) अनिवार्य किया गया है. गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) की वेबसाइट gmvnonline.com पर क्लिक करने पर होम पेज ओपन होगा. ऊपर चारधाम ऑफिशियल यात्रा रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें. जिसके बाद नया इंटरफेस खुलेगा. जिस पर दाहिने साइड में एक विंडो ओपन होगा. पहला ऑप्शन चारधाम टूर पैकेज होगा और दूसरा दूसरा चारधाम रजिस्ट्रेशन का. रजिस्ट्रेशन वाले आप्शन पर क्लिक करने पर नया इंटरफेस खुलेगा. जिसमें, राष्ट्रीयता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी इंटर कर सबमिट करने पर रजिस्ट्रेशन हो जाएगा, जिसके बाद रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. अगर आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे हैं तो हरिद्वार, देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में 24 सेंटर बनाए गए हैं, जहां आप यात्रा शुरू करने से पहले रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
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चारधाम यात्रा के लिए जारी किया गया है QR कोड
- इस बार चारधाम पर आने वाले यात्रियों को क्यूआर कोड जारी किया जा रहा है.
- क्यूआर कोड यात्रियों को दिए जाने वाले रिस्ट बैंड में रहेगा.
- जिसे प्रत्येक धाम में स्कैन किया जाएगा.
- इससे पर्यटन विभाग को यह पता रहेगा कि कौन सा यात्री कहां पर है.
- इससे यह पता लग सकेगा कि पंजीकरण करने वाले यात्री ने दर्शन किए हैं या नहीं.
- तीर्थयात्रियों और उनके वाहनों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा.
ग्रीन कार्ड:अगर आप अपनी गाड़ी से चारधाम यात्रा पर जाना चाहते हैं तो आपको उसकी फिटनेस चेक करानी होगी, ये काम हरिद्वार के RTO और ऋषिकेश के ARTO ऑफिस में करा सकते हैं. इसके साथ ही चारों धाम समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं और दुर्गम भी हैं. यहां तापमान 10 से 15 डिग्री के बीच ही रहता है. इसलिए सेहत का ख्याल जरूर रखें, चेकअप करा कर ही निकलें. ऊंची चढ़ाई होने की वजह से सांस की बीमारी से परेशान लोगों को अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर भी रखना चाहिए.
उत्तरकाशी जिले में है यमुनोत्री धाम:यमुनोत्री धाम भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में गढ़वाल क्षेत्र के पश्चिमी हिमालय में स्थित एक तीर्थ स्थल है. यमुनोत्री धाम की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 3,293 मीटर है. यमुनोत्री धाम यमुना की विशाल पर्वत चोटियों, ग्लेशियरों और खूबसूरत पानी के साथ साथ पर्यटकों को आमंत्रित करता है. यमुना भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी मानी जाती है. उत्तराखंड राज्य में स्थित छोटे चार धामों में से एक नाम यमुनोत्री का है जबकि अन्य तीन बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री हैं. वेदों के अनुसार देवी यमुना को सूर्य की बेटी और यम देव की जुड़वां बहन माना जाता है.