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Badrinath Yatra 2023: 27 अप्रैल को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

इस साल बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे. टिहरी नरेश के नरेंद्रनगर राजदरबार में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई. भगवान के महाभिषेक के लिए तिलों का तेल 12 अप्रैल को पिरोया जाएगा.सुहागिन महिलाएं टिहरी सांसद महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह के नेतृत्व में 12 अप्रैल को राजदरबार में तिलों का तेल निकालेंगी

Badrinath Yatra 2023:
27 अप्रैल को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

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Published : Jan 26, 2023, 12:57 PM IST

27 अप्रैल को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

देहरादून/ऋषिकेश: बसंत पंचमी के मौके पर बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित कर दी गई है. इस साल बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे. बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल की सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर खोले जाएंगे. कपाट खुलने की तिथि का ऐलान नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार में राजपुरोहितों ने किया.

चमोली जिले में स्थित करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को प्रातः7 बजकर 10 मिनट को खुलेंगे. बसंत पंचमी के पावन पर्व पर नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार में राजपुरोहितों ने महाराजा मनुज्येंद्र शाह की जन्म कुंडली देखकर धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित की गई. इस अवसर पर टिहरी सांसद राज्य लक्ष्मी शाह भी उपस्थित रही. शुक्रवार को नरेंद्रनगर राजदरबार में राजपुरोहितों ने टिहरी नरेश महाराजा मनुज्येंद्र शाह की जन्म कुंडली के आधार पर बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि निकाली. भगवान के महाभिषेक के लिए तिलों का तेल 12 अप्रैल को पिरोया जाएगा. बसंत पंचमी के मौके पर नरेंद्रनगर राजमहल में आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ गणेश पूजन, पंचांग पूजन और चौकी पूजन के बाद महाराजा मनुज्येंद्र शाह का वर्षफल और ग्रह नक्षत्रों की दशा देखकर भगवान बदरीनाथ के कपाट खोलने की तिथि घोषित की. इस अवसर पर बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी भी उपस्थित रहे.

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भगवान बदरी विशाल के महाभिषेक के लिए स्थानीय सुहागिन महिलाएं टिहरी सांसद महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह के नेतृत्व में 12 अप्रैल को राजदरबार में तिलों का तेल निकालेंगी. उसके बाद गाडू घड़ा यात्रा को लेकर डिम्मर पंचायत के लोग अपने गंतव्य के लिए प्रस्थान करेंगे.

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बता दें बदरीनाथ अथवा बदरीनारायण मंदिर भारतीय राज्य उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित एक हिन्दू मन्दिर है. यह हिंदू देवता विष्णु को समर्पित मंदिर है. यह स्थान इस धर्म में वर्णित सर्वाधिक पवित्र स्थानों, चार धामों, में से एक यह एक प्राचीन मंदिर है. जिसका निर्माण 7वीं-9वीं सदी में होने के प्रमाण मिलते हैं. मन्दिर के नाम पर ही इसके इर्द-गिर्द बसे नगर को भी बदरीनाथ ही कहा जाता है. भौगोलिक दृष्टि से यह स्थान हिमालय पर्वतमाला के ऊंचे शिखरों के मध्य, गढ़वाल क्षेत्र में बसा है.बदरीनाथ भारत के कुछ सबसे व्यस्त तीर्थस्थानों में से एक है.

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अन्य धामों की तिथियों का ऐलान भी जल्द:18 फरवरी को शिवरात्रि के दिन ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होगी. गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया को खुलते हैं. इस बार अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है. गंगोत्री व यमुनोत्री मंदिर समिति की ओर से दोनों मंदिरों के कपाट खुलने की तिथि व समय घोषित किया जाएगा. फिलहाल आज बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि की ऐलान किया गया है.

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