देहरादून(उत्तराखंड): बदरीनाथ धाम के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद हो गये हैं. इस साल चारधाम यात्रा कई मायनों में खास रही. इस साल रिॉर्डतोड़ श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर पहुंचे. इसके साथ ही इस बार बदरीनाथ धाम की यात्रा भी ऐतिहासिक रही है. इस साल 247 साल बाद बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने और बंद होने के मौके पर ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य मौजूद रहे. आज बदरीनाथ के कपाट बंद होने के मौके पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज धाम में उपस्थित थे.
गौरतलब है कि इस यात्रा काल में बदरीनाथ मंदिर के कपाट 27 अप्रैल 2023 को श्रद्धालुओं के लिए खोले गये. तब से लेकर कपाट बंद होने तक बदरीनाथ धाम में 18 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बदरीनाथ के दर्शन किये हैं.बदरीनाथ मंदिर के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय भी आज दर्ज हो गया है. 247 वर्षों के बाद ज्योतिष पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट खुलने और बंद होने की अवसर पर उपस्थित रहे.
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बता दें वर्ष 1776 में ज्योर्तिमठ में आचार्य ना होने से टिहरी के तात्कालिक नरेश ने केरल के नंबूदरी ब्राह्मण को बदरीनाथ मंदिर का मुख्य पुजारी नियुक्त कर उसे रावल की उपाधि दी. इसके बाद से ही यहां मुख्य पुजारी के पद पर केरल के नम्बूदरी ब्राह्मण अपनी सेवाएं देते हैं. इस बार की पूजा में मुख्यपुजारी के रूप में ईश्वरप्रसाद नम्बूदरी रावल रहे.