अयोध्याः अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर को भव्यता देने के लिए मंदिर के दरवाजे, गुंबद और शिखर को स्वर्ण जड़ित करने की योजना पर कार्य शुरू हो गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों की माने तो कारसेवकपुरम कार्यशाला परिसर में राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर लगने वाले 14 दरवाजों पर पहले तांबे का कवर और उसके बाद उसके ऊपर सोने की परत लगाने का काम शुरू किया जा चुका है. इसके लिए दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कारीगर अयोध्या पहुंच चुके हैं. वहीं, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए भी मंथन शुरू हो गया है. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पीएम मोदी करीब 100 मीटर पैदल चलकर मंदिर के गर्भग्रह में पहुंचेंगे.
हीरा व्यापारी ने भगवान राम के मुकुट में हीरे जड़वाने का किया आग्रह
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली से अयोध्या पहुंचे दर्जन भर कुशल कारीगर सागौन के दरवाजों पर पहले तांबे की चद्दर लगाएंगे. इसके बाद 5 लेयर में सोने का वर्क लगाया जाएगा. सूत्रों का दावा है कि अहमदाबाद के एक हीरा व्यापारी ने भगवान के मुकुट में हीरे जड़वाने का भी प्रस्ताव दिया है. हालांकि अभी इस पर अंतिम निर्णय आना बाकी है. भगवान राम के प्रति अपनी आस्था रखने वाले देश के करोड़ों राम भक्त अपनी सामर्थ्य के अनुसार राम मंदिर निर्माण में नगद धनराशि और आभूषण, हीरे, मोती, चांदी दान कर रहे हैं. राम लला ट्रस्ट की योजना के अनुसार रामलला स्वर्ण जनित मुकुट धारण करेंगे. उनके हाथों में धनुष बाण भी रहेगा.
अतिथियों को एक किलोमीटर पैदल चलना होगा
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी को प्रस्तावित भगवान के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर आम श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वह 26 जनवरी के बाद मंदिर दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचें. वहीं, जिन अतिथियों को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है उन्हें भी लगभग 1 किलोमीटर से अधिक की दूरी पैदल तय करनी होगी. पूर्व की बैठक के बाद मीडिया कर्मियों के सवाल के जवाब में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी स्पष्ट किया था कि जो भी अतिथि चलने में अशक्त हैं या दूर तक नहीं चल सकते और काफी देर तक एक स्थान पर नहीं बैठ सकते वह प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से परहेज करें.