नई दिल्ली :केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने गुरुवार को खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह खुफिया जानकारी आपस में साझा करें. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आंतरिक सुरक्षा से संबंधित एक राष्ट्रीय डेटाबेस पर काम कर रही है जिसमें बम विस्फोट, आतंकी फंडिंग, हवाला, नशीले पदार्थ, नकली मुद्रा आदि जैसे मामले शामिल हैं.
नई दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के 13वें फाउंडेशन डे पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, 'कोई भी संगठन या कोई डेटा, अगर इसे साइलो (silos) में रखा जाता है, तो यह किसी काम का नहीं है. लेकिन इसे एक-दूसरे के साथ साझा किया जाता है और ठीक से विश्लेषण किया जाता है, तो यह बहुत मददगार होगा.' शाह ने कहा कि विभिन्न एजेंसियां और राज्य पुलिस के बीच खुफिया जानकारी साझा करने के लिए समन्वय होना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्रीय आतंकवाद निरोधी जांच एजेंसी, राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड और खुफिया ब्यूरो इसमें काम कर रहा है. गृह मंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों से अपील की कि वे थर्ड डिग्री का उपयोग करने के बजाय जांच के लिए नए तरीके, तकनीक के साथ-साथ डेटा और सूचना को अपनाएं.
आतंकवाद मानवाधिकार उल्लंघन का सबसे बड़ा रूप : अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद मानवाधिकारों के उल्लंघन का सबसे बड़ा रूप है और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई मानवाधिकारों के विरुद्ध नहीं हो सकती है. आतंकवाद को समाज के लिए सबसे बड़ा अभिशाप बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई देश है जो आतंकवाद से सबसे ज्यादा पीड़ित रहा है, तो वह भारत है. गृह मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने (जीरो टॉलरेंस) की नीति अपनाई है और देश से इस खतरे को खत्म करने के लिए काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि एनआईए ने आतंकी वित्तपोषण के मामले दर्ज किए हैं और इन मामलों ने जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को जड़ से खत्म करने में काफी हद तक मदद की है. शाह ने कहा कि पहले आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ कोई उचित कार्रवाई नहीं होती थी. उन्होंने कहा कि 2018 में पहली बार आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ मामले दर्ज किए गए और इस वजह से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए कोई आसान रास्ता नहीं है.
उन्होंने कहा, '2021-22 में, एनआईए ने कई मामले दर्ज किए, जिसने जम्मू-कश्मीर में स्लीपर सेल को नष्ट करने में मदद की. इसने रसद और आपूर्ति श्रृंखला और उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है जिन्होंने आतंकवाद की मदद की थी और समाज में सम्मानपूर्वक रह रहे थे. एनआईए ने उनका पर्दाफाश किया और उन्हें न्याय के दायरे में लेकर आई. यह एक बड़ी बात है.'
शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ लड़ना एक बात है और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए की गई कार्रवाई दूसरी बात है. उन्होंने कहा, 'हमें जम्मू कश्मीर से आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है. इसलिए, हमें आतंकी वित्तपोषण के तंत्र को नष्ट करना होगा. एनआईए द्वारा दर्ज जम्मू-कश्मीर के आतंकी वित्तपोषण मामलों के कारण, आतंकी कृत्यों के लिये फंड उपलब्ध कराना अब वहां बहुत मुश्किल हो गया है.'