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ग्रीन इंडिया मिशन में शामिल होंगे सभी पूर्वोत्तर राज्य

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) ने सभी पूर्वोत्तर राज्यों को ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) के तहत शामिल करने के लिए कदम उठाया है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को यह जानकारी दी है. इस संबंध में पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददात गौतम देब राय की रिपोर्ट..

ग्रीन इंडिया मिशन
ग्रीन इंडिया मिशन

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Published : Aug 25, 2021, 7:15 PM IST

नई दिल्ली : उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) ने सभी पूर्वोत्तर राज्यों को ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) के तहत शामिल करने के लिए कदम उठाया है. ग्रीन इंडिया मिशन को पर्यावरण और वन मंत्रालय (एमओईएफ) द्वारा डिग्रैडड (खराब हो चुके) वन की बहाली के लिए शुरू किया गया था.

इस मिशन के तहत, 2015-16 से 2020-21 तक तीन पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम के लिए 119.96 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसके लिए विभिन्न जगहों का चयन किया गया है. और 38072.20 हेक्टेयर क्षेत्र में वनीकरण गतिविधियों को करने के लिए निधि को मंजूरी दी गई है.

डोनर मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि मिशन राज्यों के संचालन की वार्षिक योजनाओं और धन की उपलब्धता के आधार पर अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में अपनी गतिविधियों का विस्तार करने की प्रक्रिया में है.

जीआईएम व्यापक निगरानी ढांचे के माध्यम से कार्य की प्रगति की निगरानी करता है, जिसमें कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा जमीन स्तर पर स्वयं निगरानी, ​​बाहरी एजेंसी द्वारा क्षेत्र समीक्षा और वार्षिक प्रगति रिपोर्ट शामिल है.

ग्रीन इंडिया मिशन फरवरी 2014 में शुरू की गई जलवायु परिवर्तन की राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) के तहत मिशनों में से एक है.

गौरतलब है कि राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम (एनएपी) के तहत वर्ष 2020-21 के दौरान राज्यों को जारी किए गए 40.42 करोड़ रुपये में से डिग्रैडड (खराब) हो चुके वनों की बहाली के लिए पूर्वोत्तर राज्यों को 13.87 करोड़ रुपये जारी किए गए थे.

उल्लेखनीय है कि व्यापक वनरोपण के उद्देश्य से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 2.23 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में वनरोपण को लक्ष्य दिया गया था, जिसमें से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस वर्ष फरवरी तक 2.15 मिलियन हेक्टेयर का लक्ष्य हासिल किया है.

अधिकारी ने बताया कि वहीं उत्तर पूर्वी राज्यों को 45784 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें से 41580 हेक्टेयर हासिल किया गया है.

गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) पूर्वोत्तर में परियोजना कार्यान्वयन विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के तहत क्षेत्र में समृद्ध जैव-विविधता और पारिस्थितिक संतुलन के संरक्षण करने के लिए उदम उठाता है. यह परिषद पूर्वोत्तर के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक नोडल एजेंसी है.

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एनईसी ने मिजोरम के चंफाई जिले और मणिपुर के चुराचांदपुर और तामेंगलोंग जिलों में असिंचित पहाड़ियों के वनरोपण के लिए 6.00 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. आपको बता दें कि एक संसदीय स्थायी समिति ने भी मौजूदा वन की रक्षा और वनावरण को बढ़ाने के लिए डोनर और एमओईएफ मंत्रालय उठाये गए कदम की प्रशंसा की है.

समिति ने आगे कहा कि डोनर मंत्रालय को संबंधित मंत्रालयों के साथ मिलकर पर्यावरण और वन को संरक्षित और संरक्षित करने के लिए चल रही विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को लागू करने के लिए निकट परामर्श और समन्वय में काम करना चाहिए.

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