दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कोरोना महामारी के दौरान भारत में बढ़े घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के मामले : रिपोर्ट - Domestic violence and dowry harassment cases

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने कोरोना महामारी के दौरान महिलाओं और बच्चों से संबंधित अत्याचार के कुल 23,722 अपराध दर्ज किए हैं. कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली 30 सदस्यीय समिति ने कहा कि प्रवासी महिला कामगार और उनके बच्चों की तस्करी हुई.

Domestic
Domestic

By

Published : Mar 15, 2021, 7:37 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय महिला आयोग को जो शिकायतें मिली हैं, उनमें 7715 शिकायतें गरिमा के साथ जीने के अधिकार से जुड़ी हैं. 5297 मामले महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, 3788 दहेज संबंधी उत्पीड़न के मामले, 1679 छेड़छाड़ के मामले और 1236 बलात्कार के मामले सामने आए हैं. यह आंकड़े पिछले 2019 जनवरी से दिसंबर तक के हैं.

महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और अपराध के मामलों का यह आंकड़ा सोमवार को संसद में पेश किया गया. यह रिपोर्ट गृह मामलों की संसदीय समिती द्वारा तैयार की गई है. समिति नोट करती है कि अभूतपूर्व कोविड-19 महामारी के प्रकोप के दौरान घरेलू हिंसा, महिलाओं और बच्चों की तस्करी में अचानक तेजी आई है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह मुख्य रूप से आर्थिक गतिविधियों में व्यवधान और तालाबंदी के दौरान कामकाजी लोगों का घर पर अधिक समय बिताने के कारण हुआ.

संसदीय समिति ने जताई चिंता

कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली 30 सदस्यीय समिति ने कहा कि प्रवासी महिला कामगार और उनके बच्चों की तस्करी हुई. एक एनजीओ द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का हवाला देते हुए समिति ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं महामारी और लॉकडाउन के प्रभाव में बढ़ी हैं. लॉकडाउन के दौरान अवैतनिक कार्य, बाल विवाह में वृद्धि, घर में हिंसा और उत्पीड़न में वृद्धि शामिल है. विशेष रूप से अनौपचारिक क्षेत्र में नौकरी का नुकसान, महिलाओं की यौन और प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंच में कमी हुई है.

सुधार की हो कोशिश

संसदीय समिति ने देखा कि ग्रामीण और शहरी रोजगार गारंटी योजनाओं के तहत कदम उठाए जा सकते हैं. खासकर गरीब महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करना, ताकि उनको डीबीटी के माध्यम से नकद हस्तांतरण लंबे समय तक जारी रह सके. समिति ने कहा कि वर्तमान में कई ग्रामीण क्षेत्रों में एसएचजी या ऋण अदायगी के लिए ब्याज दरों पर रोक लगाने से मदद मिलेगी, क्योंकि वे महिलाएं अपने परिवारों का बड़े पैमाने पर समर्थन कर रही हैं.

यह भी पढ़ें-शुभेंदु का बड़ा आरोप- ममता ने छिपाई जानकारी, रद्द हो नामांकन

रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया कि कुछ कदमों से महिलाओं की रोजगार में भागीदारी बढ़ेगी और उनके खिलाफ प्रभावी तरीके से हिंसा में कमी आएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details