कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने शुक्रवार को कहा कि आवारा कुत्तों के लिए भोजन केंद्र स्थापित करना यह सुनिश्चित करेगा कि वे आक्रामक नहीं होंगे और कॉलोनी के निवासियों पर हमला नहीं करेंगे तथा लोगों के मन से उनके प्रति डर भी निकलेगा.
न्यायमूर्ति ए के जयशंकरण नांबियार (Justice AK Jaishankaran Nambiar) और न्यायमूर्ति पी गोपीनाथ (Justice P Gopinath) की पीठ ने एर्णाकुलम जिले के तिरिक्काकरा नगर निगम इलाके में गली के कुत्तों को जहर दिए जाने के मुद्दे पर गौर करते हुए कहा, 'अगर आप भोजन केंद्रों या ऐसे इलाकों की पहचान करते हैं तो इन सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा.'
अदालत ने यह भी कहा कि भारत पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) के साथ पंजीकृत संगठन या स्वयंसेवी ही भोजन या गर्भनिरोध गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को बिना किसी देरी के पालतू जानवरों के मालिकों द्वारा संबंधित स्थानीय अधिकरण में उनका पंजीकरण और लाइसेंस प्राप्त करने के संबंध में एक परिपत्र जारी करने का निर्देश दिया है जैसा कि नगर पालिका/पंचायत अधिनियम/नियमों के तहत अनिवार्य है.
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