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डॉक्टरों ने जल्लीकट्टू कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए सरकार से की मांग

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Published : Dec 22, 2021, 5:20 PM IST

कोविड के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के संभावित खतरे को देखते हुए देश के 80 डॉक्टरों ने तमिलनाडु सरकार से जल्लीकट्टू के होने वाले आयोजन पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. इस संबंध में डॉक्टरों ने तमिलनाडु के सीएम व स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण मंत्री को एक पत्र लिखा है.

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डॉक्टरों ने की मांग (फाइल फोटो)

चेन्नई : देश भर के 80 चिकित्सा डॉक्टरों ने तमिलनाडु सरकार से जनवरी में होने वाले जल्लीकट्टू कार्यक्रम पर रोक लगाने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Chief Minister MK Stalin) और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण मंत्री मा सुब्रमण्यम (Minister of Health and Medical Education and Family Welfare Ma Subramaniam) को दिए गए एक पत्र में कहा गया है कि संभावित कोविड का नया वेरिएंट ओमीक्रोन जनता के लिए खतरा बन सकता है. इसलिए सरकार को जल्लीकट्टू के खेल पर रोक लगानी चाहिए.

डॉक्टर दीपशिखा चंद्रवंशी ने कहा, 'जल्लीकट्टू जैसे कार्यक्रम पर रोक लगाने से कोविड-19 के तेजी से प्रसार को रोकने, सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करने और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों पर दबाव कम करने के लिए महत्वपूर्ण है.'

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पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के अनुसार, दुनिया भर के कई देश कोविड-19 मामलों और ओमीक्रोन वेरिएंट के खतरे को लेकर परेशान हैं, इसे देखते हुए नए सुरक्षा दिशा निर्देशों को लागू करने की जरूरत है. पीईटीए इंडिया के सीईओ मणिलाल वल्लियाते के मुताबिक 'अधिकारियों से इन डॉक्टरों की पेशेवर सलाह पर ध्यान देने और जानवर के साथ क्रूरता से खेलना और जनता को संभावित घातक बीमारी से बचाने के लिए जल्लीकट्टू आयोजनों को रद्द करने की मांग पीईटीए इंडिया कर रही है.'

पीईटीए इंडिया के एक बयान के अनुसार, तमिलनाडु सरकार ने 2017 में जल्लीकट्टू को खेल का नाम देने के बाद से कम से कम 22 बैल और 69 इंसानों की मौत हुई है और 4,696 से अधिक व्यक्ति घायल हुए हैं.

(आईएएनएस)

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