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Policeman Declared Dead: डॉक्टरों ने पुलिस वाले को किया मृत घोषित, पोस्टमार्टम के लिए ले जाते वक्त निकला जिंदा - Doctors declared the policeman dead

पंजाब के लुधियाना में एक पुलिसकर्मी को इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया गया. लेकिन पोस्टमार्टम के लिए ले जाते समय उसके साथी पुलिसकर्मी को पता चला कि वह जिंदा है, जिसके बाद उसके परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है.

policeman taken out alive
पुलिस वाला निकाला जीवित

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 20, 2023, 8:17 PM IST

लुधियाना: पंजाब के लुधियाना में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पुलिसकर्मी को मरा हुआ मानकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. लेकिन रास्ते में अन्य पुलिसकर्मियों को लगा वह जिंदा है. जिसके बाद अब उसे परिजनों को सौंप दिया गया और उसका इजाल चल रहा है. जानकारी के अनुसार मनप्रीत नाम के पुलिसकर्मी को किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.

परिजनों का दावा है कि अस्पताल स्टाफ ने उन्हें बताया कि मनप्रीत की मौत हो गई. जब वे उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए एंबुलेंस में ले जा रहे थे, तो साथी पुलिसकर्मियों को लगा कि मनप्रीत का शरीर हिल रहा है और उसकी धड़कन भी चल रही है. उधर, अस्पताल के डॉक्टर ने परिजनों के आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने दावा किया कि मनप्रीत को जिंदा परिवार को सौंपा गया था. यह जरूर कहा गया कि उनके बचने की कोई संभावना नहीं है.

पुलिसकर्मी मनप्रीत के पिता एएसआई रामजी ने बताया कि उनके बेटे के हाथ पर किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया था. शरीर में संक्रमण बढ़ने के कारण परिवार ने अपने बेटे मनप्रीत को 15 सितंबर को एम्स बस्सी अस्पताल में भर्ती कराया. मनप्रीत नायब कोर्ट में तैनात हैं. पिता रामजी के मुताबिक डॉक्टर ने उसकी बाजू पर कोई दवा लगा दी, जिससे मनप्रीत की बाजू में जलन होने लगी और बाजू सूज गई. पिता ने बताया कि उनका बेटा पूरी रात दर्द से रोता रहा.

अगली सुबह डॉक्टर ने उन्हें बताया कि मनप्रीत को वेंटिलेटर पर रखना होगा. परिवार के मुताबिक मनप्रीत को लगातार 2 से 3 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया. 18 सितंबर की देर रात परिजनों ने डॉक्टर से कहा कि अगर वे लड़के का इलाज नहीं कर रहे हैं तो उसे रेफर कर दें, वे उसे पीजीआई ले जाएंगे. पिता रामजी के मुताबिक, डॉक्टर ने उन्हें बताया कि अगर उनके बेटे को वेंटीलेटर से हटा दिया गया तो वह 3 मिनट के अंदर मर जाएगा.

पिता के मुताबिक, रात करीब 2.30 बजे अस्पताल स्टाफ ने उन्हें बताया कि उनके बेटे की मौत हो गई है. अस्पताल प्रशासन ने सुबह 9 बजे शव सौंपने को कहा. पिता रामजी ने बताया कि मनप्रीत सरकारी कर्मचारी है, उसका पोस्टमार्टम होना था, जब उसे अन्य पुलिसकर्मियों की मदद से एंबुलेंस में रखा जा रहा था, तभी अचानक एक कर्मचारी से पता चला कि मनप्रीत की नब्ज चल रही है.

मनप्रीत के पिता रामजी ने बताया कि अस्पताल प्रशासन पर एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर रखने का दबाव बनाकर वह तुरंत अपने बेटे को डीएमसी अस्पताल ले गए. अब डीएमसी अस्पताल में मनप्रीत की हालत स्थिर बताई जा रही है और यहां उनका इलाज किया जा रहा है.

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