नई दिल्ली :देश में जिस तेजी से मेडिकल स्टॉफ और डॉक्टर कोरोना की चपेट में आ रहे हैं उसको देखते हुए विशेषज्ञों की राय है कि अस्पतालों में जाने से बचने और टेली कंसल्टिंग सेवा (teleconsulting service) का विकल्प चुनना चाहिए.
विशेषज्ञों का सुझाव है कि जब तक आपात स्थिति न हो तब तक लोगों को अस्पतालों में जाने से बचना चाहिए. एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष (president of Asian Society of Emergency Medicine) डॉ. तामोरिश कोले (Dr Tamorish Kole) ने कहा, 'लोगों को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए अस्पतालों में जाने से बचना चाहिए. इसके बजाय उन्हें टेली कंसल्टिंग का विकल्प चुनना चाहिए.'
कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स (FHW) विशेष रूप से देश भर के कई अस्पतालों में डॉक्टर Covid19 से संक्रमित हो रहे हैं. रिपोर्टों से पता चलता है कि दिल्ली के एम्स, सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर कोरोना संक्रमित मिले हैं. बिहार के नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 100 से अधिक डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को कोरोना हुआ है. तमिलनाडु में 60 से अधिक डॉक्टर, नर्सों और मेडिकल छात्रों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव रहा है. पंजाब के पटियाला में सरकारी मेडिकल कॉलेज के लगभग 100 छात्र और रेजिडेंट डॉक्टर कोरोना से पॉजिटिव पाए गए हैं. कोलकाता में 200 से अधिक डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का कुछ दिनों में सकारात्मक परीक्षण किया है. इसी तरह की खबरें दूसरे राज्यों से भी आ रही हैं.
डॉ. तामोरिश कोले ने कहा, 'टीके संक्रमण को रोक नहीं सकते हैं, लेकिन वे संक्रमण की गंभीरता को कम कर सकते हैं.' हमारे दोनों टीके (कोवैक्सीन और कोविशील्ड) कोविड 19 म्यूटेंट से लड़ सकते हैं. फिलहाल हमें जिस चीज की जरूरत है, वह है त्वरित अतिरिक्त खुराक. फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स (FHW) के लिए यह बहुत जरूरी है क्योंकि वे हमेशा मरीजों के संपर्क में रहते हैं.'
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