सीकर.राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में पहली बार डॉक्टर इस प्रकार से लामबंद हुए हैं. उन्होंने घर और क्लीनिक पर भी मरीजों को देखना बंद कर दिया है. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टर लगातार बीते एक सप्ताह से हड़ताल पर हैं. शहर के सभी निजी अस्पतालों में ताले लगे हुए हैं. आरटीएच बिल के विरोध में डॉक्टर ऐसे उतरे हैं कि न तो आउटडोर में, न ही इंडोर में मरीजों को उपचार मिल रहा है.
निजी अस्पतालों में मरीजों के इलाज का काम बिल्कुल ही ठप पड़ा है. जिसके कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वर्तमान में मौसम में परिवर्तन के कारण बच्चे और बुजुर्ग वायरल की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन निजी चिकित्सकों की हड़ताल के कारण उन्हें प्राइवेट में इलाज नहीं मिल पा रहा है. दूसरी, तरफ सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. सरकारी अस्पतालों के आंकड़ों की माने तो अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. जिसके कारण मरीजों को इलाज के लिए घंटों लंबी लाइन में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है.
गोलगप्पे बेचने वाली महिला डॉक्टर