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तमिलनाडु विधानसभा चुनाव : द्रमुक सतर्क, व्यापक प्रचार अभियान की तैयारी - tamil nadu assembly election

तमिलनाडु में अप्रैल और मई में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. चुनाव आयोग के साथ राज्य के राजनीतिक दलों ने भी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. पिछले एक दशक से राज्य की सत्ता से बाहर द्रमुक इस बार चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसलिए पार्टी मतदाताओं को रिझाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव

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Published : Jan 12, 2021, 6:08 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसे देखते हुए राजनीतिक दलों ने भी प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. राज्य में राजनीतिक परिदृश्य को लेकर पूर्वानुमानों और चुनावी परिणामों के बारे में भविष्यवाणियों का दौर भी शुरू हो गया है.

इन सबके बीच द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), जो लगभग एक दशक से राज्य की सत्ता से बाहर है, लोगों के जनादेश को जीतने के लिए कमर कस रही है. डीएमके पोंगल पर्व का इंतजार कर रही है. इसके बाद पार्टी अपने प्रचार अभियान को बड़े पैमाने पर शुरू करेगी. पार्टी नेता व कार्यकर्ता प्रचार अभियान की तैयारी कर रहे हैं.

जनसभा संबोधित करते हुए द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन

तमिलनाडु की दो प्रमुख पार्टियां डीएमके और एआईएडीएमके के शीर्ष नेता लोगों से मिलने के लिए लगातार जन सभाएं कर रहे हैं.

डीएमके (द्रमुक) का नेतृत्व एमके स्टालिन कर रहे हैं, वहीं एआईएडीएमके (अन्नाद्रमुक) की अगुआई राज्य के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी कर रहे हैं. अन्नाद्रमुक ने एक बार फिर पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया है.

वहीं, दूसरे छोर पर, अभिनेता से नेता बने कमल हासन, मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं और जनता का विश्वास जीतने का प्रयास कर रहे हैं. अन्य दलों के नेता भी चुनावी अभियान को आगे बढ़ाने में जुट गए हैं.

प्रशांत किशोर की मदद ले रही द्रमुक
द्रमुक इस बार चुनाव प्रचार में रणनीतिकार प्रशांत किशोर की एजेंसी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPAC) की मदद ले रही है. बता दें कि द्रमुक पहली बार दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की चतुरता, धाक और चमक-दमक के बिना चुनाव में उतर रही है.

द्रमुक की यूथ विंग के सचिव उदयनिधि स्टालिन प्रचार करते

द्रमुक ने मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए रणनीति के साथ चुनावी नारा तैयार किया है. साथ ही पार्टी नेता पंचायत स्तर पर जनसभाएं कर रहे हैं.

राज्य की सत्ता पर काबिज होने के लिए वास्तव में, द्रमुक ने चार साल पहले ही अपना अभियान शुरू कर दिया था और एक कार्यक्रम के तहत राज्य के उद्यमियों, व्यापारियों, युवाओं और महिलाओं के साथ संवाद शुरू किया था. बाद में, द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन के बेटे और पार्टी यूथ विंग के सचिव उदयनिधि स्टालिन के नेतृत्व में इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया और युवा मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की गई.

द्रमुक की यूथ विंग के सचिव उदयनिधि स्टालिन

द्रमुक सोशल मीडिया पर भी राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी अन्नाद्रमुक के खिलाफ अभियान चला रही है.

द्रमुक को जीत का पूरा भरोसा
चेन्नई के पूर्व मेयर और सैदापेट के वर्तमान विधायक एम सुब्रमण्यम ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में डीएमके की जीत पहले से ही पक्की है. फिर भी, पार्टी पिछली बार की तुलना में इस बार अधिक सतर्क है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पार्टी नेता बैठकें आयोजित कर रहे हैं और अन्नाद्रमुक सरकार के गलत कार्यों को लोगों के बीच लाने के लिए प्रयासरत हैं.

लोगों के बीच द्रमुक नेता कनिमोझी

वरिष्ठ पत्रकार श्याम का कहना है कि हालांकि, चुनाव से पहले शुरू की गई अन्नाद्रमुक सरकार की पोंगल गिफ्ट योजना लोगों के बीच काम कर रही है. लेकिन जब चुनाव की बात आती है तो लोग अपनी समस्याओं के आधार पर ही मतदान करेंगे.

उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वोटबैंक के बिखरने की संभावना के मद्देनजर, द्रमुक लगातार सक्रियता से अभियान में जुटी है.

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