बेंगलुरु: उपमुख्यमंत्री और केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने एकल सदस्यीय पीठ की कार्रवाई को चुनौती देते हुए दायर अपील वापस ले ली है, जिसने उनके खिलाफ जांच करने की सरकार की अनुमति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी. इस संबंध में याचिकाकर्ता के वकील की याचिका पर सुनवाई करने वाली मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बालचंद्र वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील उदय होल्ला और अभिषेक मनु सिंघवी ने ज्ञापन देकर कहा कि वे अपील वापस ले रहे हैं. साथ ही सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए और कहा कि उन्होंने याचिकाकर्ता के खिलाफ सीबीआई जांच की अनुमति देने वाला आदेश वापस ले लिया है.
इन बातों पर गौर करते हुए बेंच ने कहा कि, सरकार कैबिनेट के फैसले पर अब तक किसी ने सवाल नहीं उठाया है. इसलिए सीबीआई और बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल की याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता और याचिका का निपटारा कर आदेश दिया गया है. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अपीलकर्ता ने खुद ही आवेदन वापस लेने का फैसला किया. चूंकि याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिकाएं और अपीलें वापस लेने का अनुरोध किया है, इसलिए अदालत इसकी अनुमति दे रही है और याचिकाओं का निपटारा कर रही है.