बेंगलुरु:कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर संशय बरकरार है. रविवार को कर्नाटक कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री पद को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने के बाद फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया गया है. कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार आज इसी सिलसिले में दिल्ली पहुंचे जबकि सिद्धारमैया वहां पहले से ही मौजूद हैं.
आज दिल्ली के लिए निकलने से पहले डीके शिवकुमार ने बड़ा बयान दिया. एआईसीसी अध्यक्ष सोनिया गांधी आज शिमला से दिल्ली लौट रही हैं और डीके ने इस मौके पर उनसे मिलने का फैसला किया है. दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी मेरे लिए भगवान है. कांग्रेस पार्टी मेरे लिए मंदिर है. कांग्रेस पार्टी मेरे लिए मां समान है. भगवान और मां जानतीं हैं कि बच्चों को क्या देना है. मैं अपने भगवान से मिलने मंदिर जा रहा हूं. मैं अकेला जा रहा हूँ. महासचिव ने अकेले आने को कहा है. इसलिए मैं अकेले दिल्ली जा रहा हूं.'
उन्होंने आगे कहा,'मेरा स्वास्थ्य बहुत अच्छा है. कांग्रेस पार्टी मेरे लिए सबसे बड़ी ताकत है. मैंने अपना काम कर दिया है. लोगों ने भरोसा किया है और अधिकार दिया है. डीके शिवकुमार ने कहा कि उन्हें राज्य की जनता का भरोसा बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी है. 'मैं यहां किसी को बांटना नहीं चाहता. वे मुझे पसंद करें या न करें, मैं एक जिम्मेदार आदमी हूं. मैं ना धोख दूंगा और ना मैं ब्लैकमेल करुंगा.'
राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया दावेदार हैं. दोनों दिग्गज स्वयं को मुख्यमंत्री पद के लिए अधिक योग्य बताने में जुटे हैं. दोनों नेताओं में कोई वैचारिक विरोध नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर एक दूसरे के बीच दूरी है. हालांकि, दोनों नेताओं ने आलाकमान के निर्देशों का पालन करने की बात कही है.
राज्य कांग्रेस विधायक दल के नेताओं का चयन गंभीरता से किया जा रहा है, और इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेने के लिए एआईसीसी नेताओं ने पूर्व सीएम सिद्धारमैया और केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार को दिल्ली आने के लिए आमंत्रित किया. 135 सीटें जीतकर भारी जनसमर्थन से सरकार बनाने जा रही कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद के मामले में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
डीके शिवकुमार आलाकमान पर सीएम का पद देने का दबाव बना रहे हैं, क्योंकि उन्होंने पार्टी को संगठित किया है और उसे सत्ता में लाया है, वहीं सिद्धारमैया अधिकांश विधायकों के समर्थन से पारदर्शी शासन का वादा कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने आखिरकार सत्ता को दोनों के बीच बराबर बांटने का फैसला किया है. इस मुद्दे पर उन्हें समझाने के लिए प्रदेश के नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए राज्य की जनता ने कांग्रेस पार्टी को अपार समर्थन दिया. कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में प्रचंड बहुमत मिला. मतगणना शनिवार को ही समाप्त हो गई. उम्मीद की जा रही थी कि सोमवार तक सरकार का गठन हो जाएगा और नई सरकार जनता से किए वादे को पूरा करेगी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. मुख्यमंत्री पद को लेकर सोमवार तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी. दिग्गज नेता सिद्धारमैया सोमवार को ही विशेष विमान से दिल्ली पहुंच गए हैं. बताया जा रहा है कि वह शीर्ष नेताओं से मिलकर महौल अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हैं.
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लेकिन इस दिशा में उन्हें कितनी सफलता हाथ लगी है इसका पता नहीं चल सका है. इस बीच कहा गया कि डीके शिवकुमार भी दिल्ली जाने वाले थे लेकिन उनके पेट में संक्रमण के कारण वह दिल्ली नहीं जा सके. बता दें कि डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों ही कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता हैं. सिद्धारमैया मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उन्हें सरकार चलाने का अनुभव है. इसी आधार पर वह दावेदारी कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर डीके शिवकुमार संगठन को मजबूत कर जीत दिलाने का दावा ठोक रहे हैं.