पटना: बहुत सारे लोग करना तो बहुत कुछ चाहते हैं लेकिन विजन की कमी के कारण वे कुछ कर नहीं पाते या पिछड़ जाते हैं. कई बार लोग ऐसे हालात में हार मान कर बैठ जाते हैं. ऐसे ही नाउम्मीद हो चुके लोगों के लिए पटना के कुम्हरार स्थित अंतर्ज्योति बालिका विद्यालय की दृष्टिहीन बच्चियां मिसालकी तरह हैं.
पटना की दृष्टिहीन बच्चियां बनीं मिसाल: इस दिवाली में दूसरों के घरों को रोशन करने के लिए रंग बिरंगी मोमबत्तियां तैयार करने में ये दृष्टिहीन बच्चियां जुटी हुई हैं. इनकी बनाई हुई मोमबत्तियों की डिमांड सिर्फ प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में है. देश के साथ ही विदेशों तक में भी इसकी सप्लाई हो रही है.
US से आया मोमबत्तियों का आर्डर :इस वर्ष इन दृष्टिहीन बच्चियों के बनाए गए मोमबत्तियों की डिमांड यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका से भी आई है और सप्लाई भी की गई है. पटना के कुम्हरार में अंतर्ज्योति बालिका विद्यालय में इन दृष्टिहीन बच्चियों की पढ़ाई और रहने की भी सुविधा है.
अमेरिका पहुंची पटना की मोमबत्तियां: यह बच्चियां भले ही देख नहीं सकती हैं, लेकिन इस दीपावली में लोगों के घरों को रोशन करने के लिए रंग बिरंगी मोमबत्तियां तैयार करने में जुटी हुई हैं. विभिन्न वैरायटी में यह बच्चियां मोमबत्तियां तैयार कर रही है, जिनकी डिमांड देश के विभिन्न कोणों से ही नहीं बल्कि विदेश से भी आ रही है. इस बार यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका में 18000 रुपए की मोमबत्ती इन बच्चियों के द्वारा तैयार करके भेजी गई है.
दृष्टिहीन ईशा की अपील:दृष्टिहीन बच्ची ईशा कुमारी ने बताया कि वह विभिन्न प्रकार की मोमबत्तियां बना रही हैं. यहां की प्रशिक्षक उन्हें विभिन्न प्रकार की मोमबत्तियां तैयार करने की विधि सीखाती है ताकि वह स्वावलंबी बन सकें. ईशा कहती हैं कि मैं लोगों से अपील करूंगी कि आकर देखें कि हम कैसे मोमबत्ती तैयार करते हैं और उनकी अगर अच्छा लगे तो आप भी इन मोमबत्तियों को खरीदें.
"मोमबत्ती तैयार करने में हमें काफी आनंद आ रहा है. हम 10 से 12 प्रकार की मोमबत्ती तैयार करते हैं. टेडी बियर और विभिन्न फूलों की आकृति में भी मोमबत्ती तैयार की जाती है. दीपावली का पर्व आ रहा है इसलिए हम लोग मोमबत्ती तैयार करने में जुटे हैं. एक मोमबत्ती को 15 मिनट में तैयार कर लेते हैं."-ईशा कुमारी, दृष्टिहीन बच्ची
दृष्टिहीन अनिता के बनाए कैंडल हैं लाजवाब:अंतर्ज्योति बालिका विद्यालय की कक्षा दसवीं की छात्रा अनिता कुमारी ने बताया कि उनके हाथों में बबल्स कैंडल है. वह दृष्टिहीन है लेकिन अपने अंदाज पर जो उन्हें प्रशिक्षकों ने सिखाया है, उसके आधार पर वह मोमबत्ती तैयार करने में इन दिनों जुटी हुई हैं.
"मैं मोमबत्ती बनाने के अलावा हैंडीक्राफ्ट का भी काम जानती हूं. इन दिनों मोमबत्ती बनाने पर इसलिए अधिक फोकस है क्योंकि दीपावली का पर्व नजदीक है. हम देख नहीं सकते इसलिए यहां प्रशिक्षकों को हमें सीखने में भी काफी मेहनत लगी है. अब हम मोमबत्ती बनाना सीख चुके हैं. विभिन्न डिजाइन में मोमबत्तियां तैयार कर लेते हैं."- अनिता कुमारी, दृष्टिहीन बच्ची