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तलाक के बाद पूर्वपति को चाय के लिए पूछना जरूरी नहीं: मद्रास उच्च न्यायालय - तलाकशुदा पत्नी

मद्रास उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें एक तलाकशुदा पत्नी को अलग हो चुके पति को चाय पिलाकर आतिथ्य सत्कार का निर्देश दिया गया था. पीठ ने कहा कि न्यायाधीश इस बात से प्रभावित थे कि एक दूसरे के प्रति पक्षों का व्यवहार कैसा होना चाहिए.

Divorced husband not required to entertain by wife-  Madras High Court
अलग रह रही महिला तलाकशुदा पति का नहीं कर सकती आतिथ्य सत्कार: मद्रास उच्च न्यायालय

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Published : Sep 30, 2022, 8:18 AM IST

Updated : Sep 30, 2022, 8:24 AM IST

चेन्नई:मद्रास हाई कोर्ट की दो जजों की बेंच ने सिंगल जज के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि बच्चे को देखने के लिए आने वाले पूर्व पति को चाय पिलाई जानी चाहिए. महीनों पहले उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश कृष्णन रामासामी ने पति द्वारा तलाकशुदा पत्नी के बच्चे से मिलने के लिए दायर एक मामले की सुनवाई की.

इस मामले में उन्होंने आदेश दिया कि पति-पत्नी अपने बच्चे के साथ भोजन करें और कहा कि पत्नी को पूर्व पति के साथ अतिथि की तरह व्यवहार करना चाहिए. उसे चाय परोसना चाहिए. इस आदेश के खिलाफ महिला ने अपील की और मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय और भरत चक्रवर्ती की पीठ के समक्ष हुई.

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यह तर्क दिया गया कि वह गुरुग्राम में काम कर रही थी और चेन्नई नहीं आ सकती थी और एकल न्यायाधीश उसे अपने पूर्व पति के प्रति व्यवहार करना नहीं सिखा सकते थे जो बच्चे को देखना चाहते हैं. इस तर्क को स्वीकार करते हुए, न्यायाधीशों ने आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि एकल न्यायाधीश ने अपने अधिकार क्षेत्र को पार किया है और विभिन्न आदेश जारी किए हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि पूर्व पति के बच्चे को देखने के लिए आने पर चाय के साथ सत्कार किया जाना चाहिए. जजों ने यह भी आदेश दिया कि यदि पूर्व पति बच्चे को देखना चाहता है, तो वह पहले से सूचित करे और गुरुग्राम जा सकता है.

Last Updated : Sep 30, 2022, 8:24 AM IST

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