नई दिल्ली : टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NATGI) की लगातार दो बैठकों के बावजूद बूस्टर डोज (booster dose) पर कोई सहमति नहीं बन पाई है. भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञों में बूस्टर डोज को लेकर अलग-अलग राय है. कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को बूस्टर खुराक पर अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पात्र लोगों को कम से कम एक खुराक सुनिश्चित करनी चाहिए. हालांकि, अन्य विशेषज्ञों का मत है कि फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों और पुरानी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को पहले बूस्टर खुराक मिलनी चाहिए.
एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency Medicine) के अध्यक्ष डॉ तमोरिश कोले (Tamorish Kole) ने कहा कि ओमीक्रोन वेरिएंट के सामने आने के बाद कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण, बूस्टर डोज के साथ-साथ रोकथाम के प्रयासों के महत्व पर जोर दिया जाना चाहिए. डॉ. कोले ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के वर्कर में समय के साथ कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता भी कम हो रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि सभी के लिए कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक सुनिश्चित करना प्रमुख मुद्दा था, जिस पर एनटीएजीआई के सदस्यों ने जोर दिया है.
मंगलवार तक, भारत में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ओमीक्रोन (बी.1.1.529) के कम से कम 200 मामले सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र और दिल्ली में ओमीक्रोन के सबसे ज्यादा 56 मामले दर्ज किए गए हैं. वैश्विक स्तर पर अब तक 96 देशों में ओमीक्रोन के मामले दर्ज किए गए हैं. ब्रिटेन और अमेरिका में ओमीक्रोन के मामलों सबसे अधिक दर्ज किए गए हैं.